Education of Salman khan
सलमान खान ने शुरुआती शिक्षा अपने छोटे भाइयों अरबाज और सोहेल के साथ ग्वालियर स्थित सिंधिया स्कूल से पूरी की और उसके बाद आगे की पढाई बांद्रा स्थित सेंट स्टेनिस्लॉस हाई स्कूल से पूरी की। सलमान खान की पढाई को लेकर उनके बहुत से प्रशंसक जानने के उत्सुक होते हैं। आज हम आपको उनकी पढाई से जुड़ा एक मजेदार किस्सा आपके साथ साझा कर रहे हैं। हाल ही कपिल शर्मा के शो The kapil sharma show season 2 में सलमान खान अपने दोनों भाइयों और पिता सलीम खान के साथ पहुंचे थे। यहाँ सलमान खान की पढाई को लेकर उनके पिता ने बहुत ही मजेदार वाकया दर्शकों के साथ शेयर किया।
सलीम खान ने बताया कि जब में घर आता तो परिवार से साधारण सा व्यवहार और बड़े का जैसा सम्मान मात्र मिलता था। कोई भी मुझे आगे से चलकर चाय – पानी के लिए नहीं पूछता था। मेरे घर लौटने पर रोजाना की तरह नमस्ते होती और बातचीत होती थी, इसके आलावा कोई ख़ास नहीं होता था लेकिन एक बंदा ऐसा था जिसके आने की आहट मात्र से ही तीनों भाइयों में खुशियां आ जाती थी। उसकी एंट्री के साथ ही एक दूसरे को आदेश देने लगते ‘अरे चाय लाओ’, ‘पानी लाओ’, ‘नाश्ता लाओ’, ऐसा माहौल अचानक से देख मुझे माजरा कुछ समझ नहीं आया।
सलमान खान ने शुरुआती शिक्षा अपने छोटे भाइयों अरबाज और सोहेल के साथ ग्वालियर स्थित सिंधिया स्कूल से पूरी की और उसके बाद आगे की पढाई बांद्रा स्थित सेंट स्टेनिस्लॉस हाई स्कूल से पूरी की। सलमान खान की पढाई को लेकर उनके बहुत से प्रशंसक जानने के उत्सुक होते हैं। आज हम आपको उनकी पढाई से जुड़ा एक मजेदार किस्सा आपके साथ साझा कर रहे हैं। हाल ही कपिल शर्मा के शो The kapil sharma show season 2 में सलमान खान अपने दोनों भाइयों और पिता सलीम खान के साथ पहुंचे थे। यहाँ सलमान खान की पढाई को लेकर उनके पिता ने बहुत ही मजेदार वाकया दर्शकों के साथ शेयर किया।
सलीम खान ने बताया कि जब में घर आता तो परिवार से साधारण सा व्यवहार और बड़े का जैसा सम्मान मात्र मिलता था। कोई भी मुझे आगे से चलकर चाय – पानी के लिए नहीं पूछता था। मेरे घर लौटने पर रोजाना की तरह नमस्ते होती और बातचीत होती थी, इसके आलावा कोई ख़ास नहीं होता था लेकिन एक बंदा ऐसा था जिसके आने की आहट मात्र से ही तीनों भाइयों में खुशियां आ जाती थी। उसकी एंट्री के साथ ही एक दूसरे को आदेश देने लगते ‘अरे चाय लाओ’, ‘पानी लाओ’, ‘नाश्ता लाओ’, ऐसा माहौल अचानक से देख मुझे माजरा कुछ समझ नहीं आया।
लगातार इस बन्दे के लिए इतना आदर सत्कार देख मैनें उससे मिलने और इतनी इज्जत के पीछे छिपे रहस्य को जानने की इच्छा हुई। आख़िरकार मैनें उस बन्दे से जान ही लिया कि उसने अचानक से इतने कम समय में इतना सम्मान कैसे हासिल कर लिया। सब कुछ जांनने बाद पता चला की उस बन्दे का नाम ‘गणेश’ था और वो परीक्षा के पेपर की लीक हुई प्रति लेकर आता था। उस पेपर के प्रश्नों को याद करके ये भाई परीक्षा देने जाते थे।