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Scholarship Fraud : 1300 से अधिक छात्रों ने उठाए 2.85 करोड़

Published: Dec 27, 2017 09:11:55 am

Submitted by:

Deovrat Singh

अजा-जजा, पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति का मामला : पिता सरकारी सेवा में, सत्यापित प्रमाण पत्रों में सन्तानों ने बताया मजदूर-किसान…

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अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्रदेश में 1315 विद्यार्थियों ने फर्जीवाड़ा कर 2.85 करोड़ की छात्रवृत्ति उठा ली। अभिभावक सरकारी सेवा में होने के बावजूद छात्रों ने फर्जी प्रमाण पत्र लगा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में आवेदन दे दिए। विभाग ने 3712 छात्रों को तो पकड़ लिया लेकिन 1315 को छात्रवृत्ति बांटी जा चुकी थी। सत्र 2016-17 में छात्रवृत्ति के लिए 5027 अपात्र विद्यार्थियों ने आवेदन किया। इनके अभिभावक राजकीय सेवा में हैं, विद्यार्थियों ने फर्जी आय प्रमाण-पत्र लगाया। 3712 तो पकड़ में आए लेकिन 1315 को 2.85 करोड़ का भुगतान कर दिया। अंदेशा है कि इनमें कई बड़े अधिकारियों के बच्चों के नाम भी शामिल हो सकते हैं।
होगी वसूली, दर्ज होगा मुकदमा
बड़ा फर्जीवाड़ा खुलने पर मचे हड़कंप के बाद विभाग अब वितरित छात्रवृत्ति राशि वापस लेने की तैयारी कर रहा है। विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी कर राशि वसूलने, संबंधितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को कहा है।

यूं पकड़ा फर्जीवाड़ा
छात्रवृत्ति के लिए विभाग ने पिछले वर्ष नया पोर्टल शुरू किया था। इसमें आधार व भामाशाह नंबर देना अनिवार्य था। कुछ दिन पहले विभागीय अधिकारियों ने भामाशाह के डेटा से आवेदन पत्रों के डेटा का मिलान किया तो फर्जीवाड़े की पोल खुल गई। विभाग ने अब तक 2.5 लाख आवेदन पत्रों का डेटा मिलाया है। इनमें से 5027 के पिता सरकारी नौकरी में मिले जबकि छात्रों ने आय प्रमाण पत्र में किसान या मजदूर बताया है। आय 1.50 लाख से भी कम बताई है। ये आय प्रमाण पत्र सरकारी अधिकारी व नोटेरी से सत्यापित भी हैं। अब विभागीय अधिकारी शेष ढाई-तीन लाख विद्यार्थियों का डेटा और खंगाल रहे हैं।
केन्द्र की सख्ती के बाद जागा विभाग
छात्रवृत्ति का अधिकांश बजट केंद्र सरकार से आता है लेकिन इस साल केन्द्र ने बजट में भारी कटौती की थी। राज्य को 500 करोड़ रुपए तक दिए जा रहे थे, जिसे घटाकर 15-20 फीसदी कर दिया गया। केन्द्र की सख्ती बाद जागे विभाग ने आवेदन पत्रों की जांच की।
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