उन्होंने बताया कि संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने गत 29 सितंबर को शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के साथ बैठक की थी। इसमें प्रदेश के 3206 स्कूलों की अस्थाई मान्यता एक वर्ष के लिए बढ़ा दी गई थी। इनमें से 10वीं और 12वीं तक के स्कूलों के नाम तो शिक्षा बोर्ड में भेज दिए गए जिसके तहत स्कूलों ने बोर्ड से अस्थाई सम्बंद्धता प्राप्त कर 10वीं और 12वीं के बोर्ड के फार्म बच्चों ने भर दिए। लेकिन, आठवीं तक के स्कूलों के नाम शिक्षा बोर्ड अभी तक नहीं भेजे गए। ऐसे में ये स्कूल सम्बंद्धता नहीं भर सकते और जिस स्कूल की संबंद्धता नहीं है वे बच्चों के इनरोलमेंट के फार्म नहीं भर सकते।
इन्होंने कहा कि इनरोलमेंट न होने से इन बच्चों को भविष्य में परीक्षा तक से वंचित होना पड़ सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जिन 3206 स्कूलों की एक वर्ष तक की मान्यता बढ़ाई गई थी उनकी सूची बोर्ड में भेजी जाए और स्कूलों की सम्बंद्धता तिथि को भी बढ़ाया जाए ताकि ये स्कूल समय पर बच्चों का इनरोलमेंट फार्म भर सकें।