जानकारी के अनुसार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान सरकार और नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम की ओर से यह प्रोजेक्ट एक करोड़ रुपए का है। क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र को प्रोजेक्ट की यह रकम मिल चुकी है। प्रोजेक्ट के तहत 3000 स्क्वायर फीट में इनोवेशन हब तैयार किया गया है, जिसमें विज्ञान से जुड़ी गतिविधियां करवाई जाएंगी।
विशेषज्ञों की होगी नियुक्ति
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यदि स्टूडेंट्स के पास कोई इनोवेटिव आइडिया है और वे इस पर काम करना चाहते हैं। लेकिन गाइडेंस की कमी है, तो स्टूडेंट्स की मॉडल बनाने में मदद करने के लिए डीएसटी की ओर से विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी।
इन क्षेत्रों में कर सकेंगे काम
स्टूडेंटस के लिए भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान के साथ रोबोटिक्स लैब तैयार की जाएंगी, जहां वे काम कर सकेंगे। उन्हें इन लैब्स में इनोवेटिव आइडियाज पर प्रैक्टिकल करने का मौका मिलेगा।
मैकेनिज्म की समझ
यह सेक्शन स्टूडेंट्स के लिए खास होगा। अभी तक विद्यार्थी फ्रीज, साइकल, प्रेस, हीटर, वॉशिंग मशीन, ओवन और मोबाइल के मैकेनिज्म को किताबों में ही पढ़ते थे, लेकिन इस सेक्शन में उन्हें प्रैक्टिकल करने का मौका दिया जाएगा। इस दौरान इन उपकरणों को खोलकर वापस फिर से बनाना होगा। इस एक्टिविटीज से स्टूडेंट्स को मशीनों का मैकेनिज्म समझ आएगा।
विज्ञान में रूचि जगाने के उद्देश्य से स्टूडेंट्स के लिए यह व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसमें विद्यार्थी अपने आइडियाज को क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र में आकर मूर्त रूप दे सकेंगे।
– कैलाश मिश्रा, क्यूरेटर, क्षे. विज्ञान केंद्र