दुनिया में अभिभावकों के लिए अपने बच्चों को कंप्यूटर स्क्रीन और वीडियो गेम कंसोल से दूर रखना एक चुनौती बना हुआ है। नई दिल्ली से डेलावेयर आने वाली दो बच्चों की मां, सुरिंदर शर्मा को इस बात का अहसास हो चुका था कि बच्चों के लिए पढऩा कितना महत्वपूर्ण है। शर्मा का मानना है कि पढऩा वीडियो गेम का अच्छा विकल्प है।
लेकिन किताबें महंगी होती हैं जिससे अक्सर लोग उन्हें खरीदने से बचते हैं। इसे देखते हुए ही उनके दिमाग में एक नए कारोबार का विचार आया, बच्चों के लिए शैक्षिक ई-बुक तैयार कर उनकी मार्केटिंग करना। चूंकि, ये किताबें ऑनलाइन उपलब्ध होंगी इसलिए इनकी छपाई और वितरण का काई खर्च नहीं था।
2013 में शुरू हुई शर्मा के स्टार्ट-अप स्मार्ट किड्ज क्लब की लाइब्रेरी में इस समय 1000 से ज्यादा मौलिक ई-बुक और ई-फ्लैश कार्ड जैसे दूसरे संसाधन उपलब्ध हैं। नई सामग्री हर हफ़्ते तैयार होती है। इस सामग्री को तैयार करने के लिए 15 लेखकों का नेटवर्क काम करता है। किताबों का वर्गीकरण एक साल से लेकर 11 साल तक के बच्चों की ग्रेड, उम्र और शैक्षिक स्तर के मुताबिक किया जाता है।
इन किताबों के लिए ‘रीड एलाउड’ विकल्प का उपयोग कर एक क्लिक से किताब ऑडियो बुक में तब्दील हो जाती है। सामग्री को 35 से ज्यादा श्रेणियों में बांटा गया है। यह चित्रात्मक किताबें संक्षिप्त हैं और किसी भी किताब को पढऩे में 5 से 15 मिनट का समय लगता है। इसका सालाना खर्च 100 डॉलर (करीब 6,८00 रुपये) एवं प्रतिमाह इसका खर्च 10 डॉलर (6८५ रुपए) आता है।