MBBS में एडमिशन के इच्छुक छात्र अब 25 साल की आयु तक नीट की परीक्षा में बैठ सकेंगे। इसके साथ ही सरकार नीट परीक्षा में बैठने के लिए सिर्फ तीन मौके की बाध्यता खत्म करने जा रही है। सरकार नीट परीक्षा में बैठने के लिए सिर्फ तीन मौके की बाध्यता खत्म करने जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रस्ताव पर एमसीआई ने भी अपनी मुहर लगा दी है। अब नए नियमों के मुताबिक छात्र 25 साल तक इस परीक्षा में बैठ सकेंगे।
एमसीआई द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के तहत नीट में बैठने के लिए ऊपरी आयु सीमा सामान्य वर्ग के लिए 25 वर्ष और अजा, जजा, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा विकलांगों के लिए 30 साल होगी। आयु की गणना के लिए प्रत्येक वर्ष 30 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई है। जबकि न्यूनतम आयु प्रवेश के वर्ष में 31 दिसंबर तक 17 साल होनी चाहिए।
नए नियमों के तहत उम्मीदवारों के लिए नीट में बैठने के लिए तीन प्रयासों की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। उम्र सीमा के हिसाब से अधिकतम प्रयास उम्मीदवार कर सकेंगे। यदि कोई सामान्य वर्ग का छात्र सत्रह साल की उम्र में पहली बार परीक्षा देता है तो उसे अधिकतम नौ मौके मिलेंगे। और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को 14 मौके मिलेंगे।
नीट को 2017 से देशभर में लागू किया गया था। तब यह बात उठी थी कि जिन छात्रों ने पूर्व में पीएमटी परीक्षा में हिस्सा लिया है, उन प्रयासों को गिना जाएगा या नहीं। तब सरकार ने कहा था कि नीट चूंकि 2017 से शुरू हो रहा है, इसलिए 2017 को पहला प्रयास माना जाएगा। लेकिन अब सरकार यह संख्या ही खत्म कर रही है। मंत्रालय के अनुसार इसी साल से इसे लागू कर दिया जाएगा। इस फैसले से छात्रों पर तीन बार में ही परीक्षा पास करने लिए पड़ने वाला दबाव कम होगा।