बढ़ाई जा सकती है पुरस्कार की राशि
इस चैलेंज में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही अध्यापकों को भी पुरस्कृत करने का फैसला किया गया है। 2 लाख के यह पुरस्कार एआईसीटीई (AICTE) के द्वारा दिए जाएंगे। समाधान योजना के लिए प्रायोजकों को भी आमंत्रित किया गया है। प्रायोजक मिलने पर पुरस्कार की राशि 5 या फिर 10 लाख रुपए तक भी बढ़ाई जा सकती है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ (Ramesh Pokhriyal Nishank) ने कहा, समाधान चैलेंज के द्वारा नागरिकों को जागरूक बनाने का, किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए प्रेरित करने का, किसी भी संकट को रोकने का और लोगों को आजीविका दिलवाने में सहायता करने का काम भी किया जाएगा।
निशंक ने छात्रों से इस मुहिम के साथ जुडऩे का आह्वान किया। उन्होंने कहा, समाधान चैलेंज के अंतर्गत छात्र-छात्राओं और फैकल्टी के लोगों को नए प्रयोग एवं नई खोज के लिए प्रेरित करना और उनको उस प्रयोग या खोज का परिक्षण करने के लिए एक मजबूत बेस उपलब्ध करवाना है। इस कार्यक्रम की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इसमें भाग लेने वाले प्रतियोगियों के विचार कितने प्रभावशाली हैं जो तकनीकी एवं व्यावसायिक रूप से ऐसे समाधान निकालें जो कि कोरोनावायरस जैसी महामारी से लडऩे में मदद करे।
25 अप्रेल को ज्यूरी निर्णय लेगी
इस प्रतियोगिता के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 14 अप्रेल है। इस प्रतियोगिता में आगे जाने वाले प्रतिभागियों के नाम 17 अप्रेल को घोषित किए जाएंगे और आगे जाने वाले प्रतिभागियों को अपनी प्रविष्टियां 18 से 23 अप्रेल के बीच में जमा करनी होगी। आखरी सूची 24 अप्रेल को जारी की जाएगी। इसके बाद 25 अप्रेल को ग्रैंड ऑनलाइन ज्यूरी अपना निर्णय लेगी।