पत्रकारों से बातचीत में अब्दुल लतीफ ने कहा कि किसी अन्य विद्यार्थी को वह सब नहीं सहना पड़े जो उनकी बेटी फातिमा ने सहा। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी आईआईटी-मद्रास में पढऩा चाहती थी और उसे पढ़ाई के लिए चेन्नई भेजने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी। शनिवार सुबह तमिलनाडु पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा ने अब्दुल लतीफ के साथ दो घंटे तक पूछताछ की। चूंकि फातिमा के कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था, उसके मोबाइल फोन में एक नोट में कुछ फैकल्टी के नामों का जिक्र था, जो उसकी मौत की वजह बने।