प्रशिक्षित शिक्षक और शिक्षिकाएं अपने-अपने विद्यालयों में बेहतर शिक्षा दे सकेंगी जिससे प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चे-बच्चियों की शिक्षा गुणवत्तापूर्ण हो सकेंगी। अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए विशेष रूप से तैयार इस पाठ्य-क्रम का नाम ‘डिप्लोमा इन एलीमेन्ट्री एडुकेशन’ दिया गया है। केन्द्र सरकार के इस कदम को मुंगेर में प्रशिक्षण पा रहे शिक्षक प्राथमिक-शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी-बदलाव की संज्ञा दे रहे हैं।
मुंगेर के जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेश प्रसाद सिंह का कहना है कि केन्द्र सरकार के सौजन्य से जिले के चौदह केन्द्रों पर ढाई हजार अप्रशिक्षित शिक्षक एनआईओएस के अधीन ‘शिक्षक-प्रशिक्षण’ प्राप्त कर रहे हैं। जब शिक्षक प्रशिक्षित-शिक्षक बन जाऐंगें, तो शिक्षा में गुणवत्ता आ जाएगी। वहीं, मुंगेर के नन्दकुमार उच्च विद्यालय की प्राचार्या सह समन्वयक शबनम तबस्सुम और उपेन्द्र ट्रेनिंग एकेडमी की प्राचार्या सह समन्वयक मालती कुमारी कहती हैं कि एनआईओएस की ओर से निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुकूल अप्रशिक्षित शिक्षक और शिक्षिकाओं को ‘शिक्षक-प्रशिक्षणÓ दिया जा रहा है।
दूसरी तरफ शिक्षक-प्रशिक्षण पा रही शिक्षिकाएं राजश्री पाल, कोमल सिन्हा और शिक्षक राणा घनश्याम सिंह कहते हैं कि केन्द्र सरकार ने अप्रशिक्षित शिक्षक और शिक्षिकाओं को ‘शिक्षक-प्रशिक्षणÓ देने की योजना को क्रियान्वित कर प्राथमिक शिक्षा में पूरे देश में क्रांतिकारी-बदलाव की बुनियाद डाल दी है। यह तय है कि जब प्रशिक्षण पूरा होगा, तब विद्यालयों के पठन-पाठन की गुणवत्ता में निश्चित तौर पर आशातीत सुधार होगा।