प्रधानमंत्री ने अपने निवास पर चाय के निमंत्रण पर आए इन शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक जीवन भर शिक्षक ही बना रहता है, इन शिक्षकों ने शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के प्रयास किए हैं, जिसके लिए वह उन्हें बधाई देते हैं। इन शिक्षकों ने शिक्षा को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाया है।
मोदी ने कहा कि पुरस्कृत शिक्षकों को चाहिए कि वे नागरिक समाज को स्कूलों के विकास के लिए एकजुट करें और गरीब तथा ग्रामीण छात्र-छात्राओं की प्रतिभा एवं उनकी आंतरिक शिक्त को उभरने का भी काम करें। उन्होंने शिक्षाविदों से कहा कि वे शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को आपस में सेतु बनाने का काम कर उन्हें एक-दूसरे से जोड़ें ताकि वे एक शिक्षक को जीवन भर याद करें।
उन्होंने शिक्षकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया कि वे अपने स्कूल तथा आस पास के परिसरों को डिजिटल बनाने के लिए काम करें। पुरस्कार से सम्मानित होने वाले छात्रों ने प्रधानमंत्री को अपने अनुभवों से साझीदार करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने स्कूलों का स्तर सुधार कर उन्हें ज्ञान का केंद्र बनाया है। इन शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को इस बात के लिए बधाई दी कि उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल बनाकर स्कूलों का काय कल्प किया है, इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर भी मौजूद थे।