scriptअवसाद से बचाने के लिए 2019 में सवा लाख परीक्षार्थियों की काउंसिलिंग की गई | To prevent depression, counselling of 1.25 lakh students done in 2019 | Patrika News
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अवसाद से बचाने के लिए 2019 में सवा लाख परीक्षार्थियों की काउंसिलिंग की गई

मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) द्वारा आयोजित की जाने वाली हाईस्कूल (High School) और हायर सेकेंडरी (Higher Secondary) की परीक्षाएं मार्च में होनी हैं। परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों में कई तरह की भ्रांति होती है, समस्याएं आती हैं और कई छात्र तो अवसाद में भी आ जाते हैं। स्टूडेंट्स की समस्याओं का निपटारा करने में मंडल की हेल्पलाइन सेवा मददगार साबित हो रही है।

Jan 01, 2020 / 02:56 pm

Jitendra Rangey

Counselling

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मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) द्वारा आयोजित की जाने वाली हाईस्कूल (High School) और हायर सेकेंडरी (Higher Secondary) की परीक्षाएं मार्च में होनी हैं। परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों में कई तरह की भ्रांति होती है, समस्याएं आती हैं और कई छात्र तो अवसाद में भी आ जाते हैं। स्टूडेंट्स की समस्याओं का निपटारा करने में मंडल की हेल्पलाइन सेवा मददगार साबित हो रही है। बीते साल लगभग सवा लाख बच्चों की काउंसिलिंग की गई। मंडल से मिली जानकारी के अनुसार, बोर्ड परीक्षा के छात्रों के लिए परीक्षा पूर्व, परीक्षा के दौरान और परीक्षा के बाद काउंसिलिंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए हेल्पलाइन संचालित है, जिसका टोल फ्री नंबर 18002330175 है। मंडल की हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की परीक्षाएं मार्च में होनी हैं। इसके मद्देनजर मंडल ने छात्रों को कांउंसिलिंग देने का काम शुरू कर दिया है।

मंडल के निदेशक हेमंत शर्मा ने बताया, मंडल द्वारा बोर्ड परीक्षा के छात्रों की समस्याओं के निपटारे के लिए हेल्पलाइन संचालित है। इस हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर पर परीक्षार्थी को विशेषज्ञों द्वारा काउंसिलिंग दी जाती है। बीते साल जनवरी से 31 दिसंबर के दौरान एक लाख 23 हजार से ज्यादा छात्रों ने हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया और विशेषज्ञों ने उनकी समस्या का समाधान किया। सूत्रों के मुताबिक, इस टोल फ्री नंबर को सर्वर से जोड़ा गया है। टोल फ्री नंबर पर फोन करने पर फोन सीधे काउंसलर के पास स्थानांतरित हो जाता है और कांउसलर छात्र की समस्या को सुनकर उनका निराकरण करता है। मंडल ने तीन शिफ्ट में 18 काउंसलर और मनोविज्ञानिकों को तैनात किया है।

जानकारों के अनुसार, परीक्षा की अच्छी तैयारी न होने पर छात्र अवसाद में चले जाते हैं, वे अपनी बात किसी से कह नहीं पाते। ऐसे में बोर्ड की यह पहल मददगार साबित होती है। छात्र अपनी समस्याओं को मनोवैज्ञानिकों से साझा करते हैं, जिस पर विशेषज्ञ उन्हें उचित परामर्श देकर उनकी समस्या का समाधान करते हैं। परीक्षा को लेकर छात्र को अनुचित कदम उठाने से रोका जाए, इस दिशा में भी यह प्रयास कारगर हुए हैं।

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