यूजीसी के ये हैं अन्य सुझाव
-विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को अपने अंतिम वर्ष या टर्मिनल सेमेस्टर परीक्षा 1 से 15 जुलाई तक आयोजित करने की सलाह दी गई है। वे महीने के अंतिम में अपने रिजल्ट घोषित कर सकते हैं।
-दूसरे और तीसरे वर्ष के स्टूडेंट्स के लिए यूनिवर्सिटी 16 से 30 जुलाई तक परीक्षा आयोजित करवा सकती है और 14 अगस्त तक रिजल्ट जारी किए जा सकते हैं।
-विश्वविद्यालयों को परीक्षाओं और आकलन के नवीन साधनों का उपयोग करने के लिए भी कहा गया है। परीक्षा की अवधि तीन घंटे से घटाकर दो घंटे कर दी जाएगी। यह एक बार का कदम हो सकता है।
-विश्वविद्यालयों ने आभासी कक्षा (virtual classroom) और वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा विकसित की है और सभी शिक्षण कर्मचारियों को प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, विश्वविद्यालयों की सभी सामग्री यूजीसी पैनल के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कभी भी एक् सेस करने के लिए इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर डिजिटल रूप में अपलोड की जाएगी।
-फैकल्टी को पूरी तरह से सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) कौशल के साथ साथ ऑनलाइन शिक्षण उपकरण में प्रशिक्षि किया जाएगा।
-शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षण के माध्यम से पाठ्यक्रम के 25 प्रतिशत और बाकी को पारंपरिक कक्षाओं के तहत पूरा करवाने के लिए कहा गया है।
-यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से उन कर्मचारियों/स्टूडेंट्स के लिए ऐसा प्रोफार्मा तैयार करने के लिए कहा लॉकडाउन के चलते विश्विद्यालयों से दूर हैं।
-प्रत्येक विश्वविद्यालयों को कोरोनावायरस महामारी के दौरान परीक्षा और शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित छात्र शिकायतों से निपटने के लिए एक कोविड-19 सेल स्थापित करना होगा। यूजीसी ने इस संबंध में छात्र शिकायतों की निगरानी के लिए एक हेल्पलाइन स्थापित करने की घोषणा की है। अन्य तात्कालिक उपायों के बीच, इस अवधि के लिए सभी छात्र-छात्राओं को उपस्थिति प्रदान की जाएगी।