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UGC ने 24 संस्थानों को बताया फेक, जानिए कौन-कौन सी यूनिवर्सिटीज हैं शामिल

locationनई दिल्लीPublished: Aug 03, 2021 11:42:28 am

Submitted by:

Ronak Bhaira

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए बताया कि विश्विद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 24 संस्थानों (Institutions) को फर्जी (Fake) घोषित (declares) किया है।

नई दिल्ली। आमतौर पर जब हम किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी (University) में एडमिशन लेते हैं तो यह जरूर देखते हैं कि वो यूजीसी के साथ संबद्ध में है या नहीं।
लेकिन हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए सोमवार को कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 24 स्वयंभू संस्थानों को फर्जी घोषित किया है और दो और संस्थानों में नियमों का उल्लंघन पाया है।
उन्होंने लिखा कि छात्रों, अभिभावकों, आम जनता और इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के आधार पर, यूजीसी ने 24 स्वयंभू संस्थानों को फर्जी विश्वविद्यालय घोषित किया है।

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इसके अलावा, भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ, यूपी और भारतीय योजना और प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम), कुतुब एन्क्लेव, नई दिल्ली नामक दो और संस्थान भी यूजीसी अधिनियम, 1956 के उल्लंघन में काम कर रहे हैं। ये मामले अदालत में विचाराधीन हैं।
ugc order for institutions
उत्तरप्रदेश में आठ फर्जी विश्विद्यालय
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा आठ ऐसे फर्जी विश्वविद्यालय हैं – वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी; महिला ग्राम विद्यापीठ, इलाहाबाद; गांधी हिंदी विद्यापीठ, इलाहाबाद; नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होम्योपैथी, कानपुर; नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुक्त विश्वविद्यालय, अलीगढ़; उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय, मथुरा; महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय, प्रतापगढ़ और इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद, नोएडा।
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दिल्ली में सात फर्जी विश्विद्यालय
दिल्ली में ऐसे सात फर्जी विश्वविद्यालय हैं – कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय, वोकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर सेंट्रिक ज्यूरिडिशियल यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूशन ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग, विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ एम्प्लॉयमेंट और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय (आध्यात्मिक विश्वविद्यालय)।
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ओडिशा और बंगाल में दो-दो
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में दो-दो ऐसे विश्वविद्यालय हैं। ये हैं: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, कोलकाता और इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च, कोलकाता के साथ-साथ नवभारत शिक्षा परिषद, राउरकेला और नॉर्थ उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी।
कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और महाराष्ट्र में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं।
वे हैं – श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, पुडुचेरी; क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी, आंध्र प्रदेश; राजा अरबी विश्वविद्यालय, नागपुर; सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी, केरल और बड़गंवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी, कर्नाटक।
क्या जवाब दिया धर्मेंद्र प्रधान ने

फर्जी या गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के खिलाफ यूजीसी द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तार से बताते हुए, प्रधान ने लिखा, “यूजीसी राष्ट्रीय हिंदी और अंग्रेजी समाचार पत्रों में फर्जी विश्वविद्यालयों / संस्थानों की सूची के बारे में सार्वजनिक नोटिस जारी करता है।”
उन्होंने आगे लिखा, “आयोग राज्य के मुख्य सचिवों, शिक्षा सचिवों और प्रमुख सचिवों को अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित ऐसे विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र भी लिखा है।”

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अवैध डिग्री प्रदान करने वाले अनधिकृत संस्थानों को कारण बताओ और चेतावनी नोटिस जारी किए जाते हैं, जब कोई स्वयंभू संस्थान यूजीसी अधिनियम, 1956 का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है या कार्य करता हुआ पाया जाता है।
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