
ये हैं रैगिंग के खिलाफ शख्त नियम, खुद भी जानें और दूसरों को भी जगरूक करें
हर साल कॉलेजों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही नए छात्रों के लिए खिलाफ रैगिंग की घटनाएं सामने आने लगती है। कभी—कभार रैगिंग इस कदर बढ़ जाती है कि कई छात्रों की जान तक पर बन आती है जो कि गलत होने के साथ ही कानून अपराध है। यूजीसी द्वारा रैगिंग पर रोक लगाने के लिए कठोर नियम बनाए गए हैं जो सभी छात्रों और अभिभावकों को पता होना जरूरी हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं उन्हीं UGC Anti Ragging Rules के बारे में...
व्यवहार में इन घटनाओं को रैगिंग माना जाता है—
— अगर किसी कॉलेज, संस्थान या हॉस्टल में किसी स्टूडेंट (छात्र या छात्रा) को उसके रंगरूप या पहनावे के आधार पर टिप्पणी की जाए जिससे उसके स्वाभिमान को ठेस पहुंचे या अजीबोगरीब नाम लेकर पुकारकर प्रताड़ित किया तो उसें रैगिंग माना जाएगा।
— किसी भी स्टूडेंट को उसकी क्षेत्रीयता, भाषा या जाति के आधार पर अपमानजनक शब्द बोलकर पुकारना और प्रचलित करना रैगिंग माना जाएगा।
— किसी भी स्टूडेंट की नस्ल या पारिवारिक अतीत या आर्थिक पृष्ठभूमि को लेकर लज्जित करना और उसका अपमान करना भी रैगिंग माना जाएगा।
— नई छात्राओं को अजीबोगरीब नियमों के तहत परेशान करना या अपमानजनक कार्य करवाना भी रैगिंग माना जाएगा।
— किसी भी स्टूडेंट की धर्म, जाति या क्षेत्रीयता के आधार पर मजाक बनाना या अपमानजनक शब्द बोलना भी रैगिंग माना जाएगा।
रैगिंग के दोषियों को ये मिल सकता है दंड
— यदि कॉलेज रैगिंग की शिकायत करने वाले छात्रों की मदद नहीं करता है तो वो निसंकोच यूजीसी के पास जाएं और वहां से जरूर मदद मिलेगी।
— रैगिंग के दोषियों पर रैगिंग रेग्यूलेशन एक्ट के तहत कार्वाई की जाएगी, जिसमें दोषी को 3 साल तक सश्रम कैद है।
— अब किसी कॉलेज में रैगिंग कानून बड़ा अपराध है। रैगिंग का दोष साबित होने छात्र को सजा मिलने के साथ ही संबद्ध कॉलेज पर भी कार्रवाई के तौर आर्थिक दंड लगाया जाएगा।
यदि आपका कॉलेज रैगिंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता तो नीचे दिए गए लिंक पर क्ल्कि करें और उसमें दिए गए फोन नंबर पर कॉल करें—
National Anti Ragging Help Line (UGC Crisis Hotline)
24x7 Toll Free Number- 1800-180-5522
helpline@antiragging.in
Updated on:
25 Jun 2018 02:48 pm
Published on:
25 Jun 2018 01:23 pm
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