यूनिवर्सिटी की ओर से रिजर्व कैटेगरी के स्टूडेंट्स को एंट्रेंस फीस में कोई छूट नहीं दी गई। इसे लेकर स्टूडेंट्स में रोष है। स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी पर रिजर्व कैटेगरी के स्टूडेंट्स के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जब पीजी एट्रेंस टेस्ट में छूट दी जा सकती है, तो यूजी लॉ एंट्रेंस टेस्ट में फीस में राहत क्यों नहीं दी जा रही?
आर्थिक पिछड़ों को मिलेगा लाभ
यूलेट-2019 के कन्वीनर डॉ. जीएस राजपुरोहित ने बताया कि इस साल से एडमिशन में आर्थिक पिछड़ा वर्ग के स्टूडेंट्स को लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीसीआई लॉ कॉलेजों की कमांडिंग बॉडी है, ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन अपने स्तर पर चाह कर भी सीट्स नहीं बढ़ा सकता है।
एंट्रेंस टेस्ट में रिजर्व कैटेगरी के स्टूडेंट्स को रियायत नहीं देना बच्चों के साथ भेदभाव है। इसे लेकर वाइस चांसलर से मुलाकात कर विरोध दर्ज कराउंगा। साथ ही अगर जरूरत पड़ी, तो मामले को सिंडीकेट में भी रखूंगा।
– विनोद जाखड़, छात्रसंघ अध्यक्ष
यूनिवर्सिटी के प्रोसपेक्टस को फॉलो करते हुए ही एंट्रेंस टेस्ट फीस निर्धारित की गई है। फीस और दूसरे सभी मामले यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से तय किए जाते हैं। हम सिर्फ प्रोविजन फॉलो करते हैं।
– डॉ. जीएस राजपुरोहित, कन्वीनर यूलेट