मिलकर बनाएं रुटीन चार्ट
कोरोना यूनिसेफ के ग्लोबल चीफ ने एक वीडियो में पेरेंट्स की राह को आसान बनाने लिए पांच टिप्स सुझाए हैं। उनका कहना है कि सबसे पहले तो पेरेंट्स को एक रुटीन बनाना चाहिए। इस रुटिन को बनाते समय बच्चों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। रुटीन में पढ़ाई के साथ प्रतिदिन कुछ नया सीखने, खेल व मनोरंजन के लिए भी टाइम डिवाइड हो। पेरेंट्स का प्रयास हो कि इस रुटीन में कम एक्टिविटी हो लेकिन वे बच्चों को अट्रेक्ट करें। विशेषकर पढ़ाई को किसी ना किसी रूप में कनेक्ट करती हुई एक्टिविटी यदि इस रुटीन में होंगी तो बच्चों को लिए यह फायदेमंद होगा।
बच्चों के साथ बातचीत करें
पैरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। उनकी भावनाओं को समझें। इसके अलावा ध्यान दें कि दबाव की स्थिति में बच्चों की प्रतिक्रिया कुछ अलग हो सकती है। उन्हें समझें और सहनशील बने रहें। बच्चों से किसी मुद्दे पर बात करें और जानें उन्हें उसके बारे में कितना पता है। उनकी जानकारी बढ़ाएं। उन्हें बताएं कि हाथ कैसे धोने चाहिए। यह भी बताएं कि हाथों को चेहरे पर न लगाएं।
साइबर सुरक्षा जरूरी
यूनिसेफ ने पेरेंट्स को कहा है आनलाइन प्लेटफॉर्म पर बच्चों की सुरक्षा के बारे में ध्यान देने की आवश्यकता है। इंटरनेट से बच्चों को काफी ज्ञान मिलता है। उन्हें काफी सीखने को मिलता है लेकिन पेरेंट्स को सुरक्षा के लिहाज से ध्यान रखना चाहिए कि उसका गलत इस्तेमाल न हों। साइबर सिक्योरिटी बेहद जरूरी है। पेरेंट्स कुछ वेबसाइट ब्लॉक कर सकते हैं। बच्चों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल अनियंत्रित नहीं होना चाहिए। इस पर नियंत्रण रखें।
स्कूल से संपर्क में रहें
ऑनलाइन क्लासेज प्रारंभ होने के बाद भी पेरेंट्स को चाहिए कि वे लगातार स्कूल के संपर्क में रहें। आपका बच्चा ऑनलाइन क्लास को लेकर किस तरह व्यवहार कर रहा है यह भी जानें। टीचर व स्कूल की गाइडलाइन को फॉलो करें और बच्चे का घर पर किस तरह का व्यवहार है इसकी भी जानकारी उन्हें देते रहें। पढ़ाई व कोर्स से संबंधित डिस्कशन भी लगातार टीचर से करें। समय-समय पर बच्चों के फ्रेंड्स के साथ भी बात करें और बच्चे को भी बताएं कि उनके दोस्त लॉकडाउन के दौरान किस प्रकार कुछ नया सीख रहे हैं। होम स्कूलिंग में पेरेंट्स गु्रप भी मददगार होते हैं इसलिए अन्य बच्चों के पेरेंट्स से लगातार बातचीत करते रहें।
स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज प्रारंभ कर दी हैं लेकिन बच्चे अकेले पढऩे में एकाग्र नहीं हो पाते हैं। ऑनलाइन सेशन होने के बाद आप उनकी क्लास से संबंधित पढ़ाई के बारे में उनसे बात करें। इंट्रेस्टिंग तरीके से उस टॉपिक पर चर्चा करें जो पढ़ाया था। शुरुआत कम समय से की जा सकती है, धीरे-धीरे इस टाइम को बढ़ाया जा सकता है।