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विश्व स्तरीय बनने के लिए प्रतिस्पर्धा करें विश्वविद्यालय : पीएम मोदी

मोदी ने PU के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का एक भी विश्वविद्यालय अब विश्व की 500 शीर्ष संस्थानों में शामिल नहीं है।

Oct 15, 2017 / 06:38 pm

जमील खान

NaMo

पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को विश्व स्तरीय बनने के वास्ते आपसी प्रतिस्पर्धा कर केन्द्र सरकार की उस योजना का लाभ उठाने के लिए उत्साहित किया जिसके तहत इसके लिए अगले पांच वर्ष में 20 चयनित विश्वविद्यालयों को 10 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। मोदी ने पटना विश्वविद्यालय (पीयू) के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय पूरे विश्व को ज्ञान अर्जन के लिए आकर्षित करने वाले भारत का एक भी विश्वविद्यालय अब विश्व की 500 शीर्ष संस्थानों में शामिल नहीं है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देश के 10 निजी और 10 सरकारी विश्वविद्यालयों को विश्व स्तरीय बनाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे विश्वविद्यालयों को अगले पांच वर्ष में 10 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इन 20 विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल होने के लिए देश के सभी विश्वविद्यालयों को प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि इस ऐतिहासिक अवसर पर इसके लिए घोषणा होने पर लोग उन्हें अगले 100 वर्षों तक याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की मांग पहले से की जाती रही है। वैसे भी पटना विश्वविद्यालय की स्थापना आजादी के पूर्व तत्कालीन संसद इंडियन लेजिसलेटिव कॉउंसिल में लाए गए एक विधेयक के माध्यम से हुई थी जिसमें महामना मदन मोहन मालवीय समेत कई बड़ी हस्तियों ने भाग लिया था।

फिर से पुराने गौरव को हासिल करे पीयू
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वस्तरीय बनाने के लिए चयनित 20 विश्वविद्यालय सरकार के बंधन से मुक्त रहेंगे। इन विश्वविद्यालयों का चयन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री अनुशंसा से नहीं होगा बल्कि इसके लिए विश्वविद्यालयों को प्रतिस्पद्र्धा कर अपनी चुनौती को सिद्ध करना होगा। वहीं ऐसे विश्वविद्यालयों का रोड मैप भी देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें राज्य सरकारों की भी जिम्मेदारी होगी। मोदी ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय का स्वर्णिम इतिहास रहा है और इस विश्वविद्यालय को भी अपनी योग्यता सिद्ध करने में पीछे नहीं रहना चाहिए। विश्व के अंदर पटना विश्वविद्यालय एक बड़ी ताकत बनकर उभरे और अपने पुराने गौरव को फिर से प्राप्त करे।

आईआईएम सरकारी नियमों के बंधन से मुक्त
उन्होंने कहा कि दुनिया में जितने भी विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय हैं उसे आगे बढ़ाने में वहां के पूर्ववर्ती छात्रों का हर दृष्टिकोण से बड़ा योगदान रहा है और इसलिए पटना विश्वविद्यालय को भी अपने पूर्ववर्ती छात्रों को जोडऩा चाहिए इससे एक बड़ी ताकत मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) को लेकर कई वर्षों से चर्चाएं चल रही थी कि उसे सरकार के नियंत्रण से मुक्त किया जाए या नहीं। केन्द्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आईआईएम को सरकारी नियमों के बंधन से मुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से आईआईएम को लाभ होगा और अब आईआईएम के लोग इसे और प्रगति के मार्ग पर तेजी से बढ़ाएंगे।

दुनिया में चौथे स्थान पर है भारत
मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालय नए प्रयोग करते हुए ऐसे कार्यों को भी हाथ में ले सकते हैं जिससे आसपास के समस्याओं का समाधान निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए लागू किए गए स्टार्टप इंडिया योजना को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि स्टार्टप इंडिया कार्यक्रम उद्यमिता के क्षेत्र में विश्व में चौथे स्थान पर है। प्रधानमंत्री ने नवाचार का बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत में योग्यता की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम है और देश युवा है। देश में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार तेजगति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी नवाचार करने की जरूरत है और इसका परिणाम भी देखने को मिलेगा।

भारत के प्रति बदला दुनिया का नजरिया
मोदी ने कहा कि मानव संस्कृति की विकास यात्रा को यदि देखा जाए तो वह नवाचार से जुड़ा रहा है। हर युग में नवाचार होता रहा है। आज का दौर नवाचार का है और जो देश नवाचार को बढ़ावा देगा वही प्रगति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ सकेगा। भविष्य को ध्यान में रखते हुए जीवन को उंचाई पर ले जाना समय की मांग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को पहले लोग सांप-सपेरे और अंधविश्वास के रूप में जानते थे, लेकिन अब सूचना एवं प्रोद्योगिकी के छात्रों ने जो कमाल कर दिखाया है उससे दुनिया का नजरिया ही बदल गया है। नई पीढ़ी कम्प्यूटर के माउस से खेला करती है। उन्होंने कहा कि इससे देश की ताकत बढ़ती है।

मोदी ने कहा कि लोगों का सोच और दायरा बदल रहा है तथा आमूलचुल परिवर्तन हो रहा है। केन्द्र सरकार पूर्वी भारत के विकास के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। वर्ष 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे हो जाएंगे और न केवल भारत आर्थिक रूप से मजबूत और विकसित होगा, बल्कि पूर्वी क्षेत्र के साथ बिहार भी एक विकसित राज्य बनने की राह पर आगे बढ़ेगा।

पटना विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस विश्वविद्यालय से लोक नायक जयप्रकाश नारायण, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के अलावा सुप्रीम कोर्ट के दो मुख्य न्यायाधीश ने भी पढ़ाई की है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के कई छात्र भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय विदेश सेवा करते हैं। इस विश्वविद्यालय का पूरा संबंध योग्यता से रहा है। पहली बार पटना विश्वविद्यालय के किसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शामिल हुए हैं जो एक सौभाग्य की बात है।

 

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