करें मोटिवेट आपके बच्चे का रिजल्ट चाहे कैसा भी रहा हो, यह वक्त उन्हें कोसने का नहीं बल्कि उन्हें आगे बढऩे के लिए मोटिवेट करने का है। बच्चे के अंक कम आने पर उसे बुरा-भला कहने की बजाए उसे परीक्षा में की गई उनकी गलतियों के बारे में बताएं और आगे अच्छा करने के लिए मोटिवेट करें।
न करें तुलना यह अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चे की तुलना पड़ोस के बच्चों या फिर उसके ही दोस्तों या क्लासमेट्स से करने लगते हैं। यह सही रवैया नहीं है। ऐसा करने से बच्चे के मन में हीन भावना आ सकती है और वह कोई गलत कदम भी उठा सकता है। बेहतर होगा कि आप अपने बच्चे के रिजल्ट से संतुष्ट रहें और उसे बेहतर करने के लिए प्रेरित करें।
न बनाएं बच्चों पर प्रेशर अक्सर माता पिता अपने सपना का बोझ भी बच्चों के कंधों पर डाल देते हैं। ऐसे में बच्चों पर अच्छे परिणाम देने के लिए दबाव बनता है, जिसे वे झेल नहीं पाते और परिणाम अच्छे न आने पर गलत कदम उठा लेते हैं। बेशक माता पिता बच्चे के भविष्य के बारे में चिंतित रहते हैं, लेकिन माता पिता को भी यह समझना होगा कि इसके लिए बच्चे पर प्रेशर बनाने की बजाए आप जितना उन्हें आजाद छोड़ेंगे वे कुछ बेहतरीन करके दिखाएंगे। यह जरूरी नहीं कि हर बच्चा एकेडमिक्स में अच्छा हो, कुछ बच्चे क्रिएटिव माइंड्स होते हैं और भविष्य में इसी में नाम कमाते हैं।
दुनिया क्या सोचेगी सही कहा गया है कि अगर यह भी आप ही सोचेंगे तो फिर दुनिया क्या सोचेगी? दूसरों की चिंता छोड़ें और अपने बच्चे को महत्व दें। बच्चे का एक परिणाम उसका पूरा जीवन डिसाइड नहीं कर सकता। बच्चे को आत्मबल दें और उसके साथ खड़े रहें, आपका साथ ही उसमें नया विश्वास भरेगा और वह भविष्य में कुछ अच्छा कर दिखाएगा।