उन्होंने बताया कि यह आदेश गत एक अगस्त से प्रत्यावर्तित माने जाएंगे। नए आदेश के तहत शिक्षा मित्रों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। प्रवक्ता के अनुसार राज्य सरकार द्वारा आगामी अक्टूबर में टी.ई.टी. परीक्षा का आयोजन कराकर ऐसे सभी Shiksha Mitra को अनिवार्य अर्हता प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान किया जाएगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा के आयोजन के पश्चात परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर चयन के लिए यथोचित संख्या में रिक्तियों का विज्ञापन आगामी दिसम्बर में प्रकाशित कराया जाएगा तथा सभी पात्र अभ्यर्थियों को आवेदन करने का अवसर दिया जाएगा। तब तक सभी शिक्षा मित्रों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय एक अगस्त से दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में शासन द्वारा ऐसे शिक्षा मित्र जो शिक्षक पद पर समायोजित किए गउ थे, उन्हें एक अगस्त से शिक्षामित्र के पद पर प्रत्यावर्तित माना जाएगा। इसके साथ ही उन्हें यह विकल्प होगा कि वे अपने वर्तमान विद्यालय अथवा मूल तैनाती के विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करें। प्रवक्ता के अनुसार न्यायालय द्वारा पारित आदेश के क्रम में राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों की भावनाओं का आदर करते हुए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली-1981 में संशोधन कर सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराए जाने का निर्णय लिया है। यह संशोधन शैक्षिक योग्यता एवं गुणांक निर्धारण में किया जाएगा।
यूपी बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली-1981 में शैक्षिक गुणांक के आधार पर चयन के लिए वर्तमान में विद्यमान प्रावधान एवं प्रस्तावित संशोधन प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षामित्रों के साथ है और उनका अहित नहीं होने देगी। सरकार ने शिक्षामित्रों से संयम बनाये रखने और पठन-पाठन का काम करने की अपील की है।