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अलर्ट : यूपीएससी ने परीक्षा पेपर में गलतियां बताने के लिए दिए 7 दिन

Published: Nov 14, 2017 11:15:45 pm

आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सात दिन बाद की गई किसी भी शिकायत को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए सवालों में गलती बताने के लिए सात दिन की समय सीमा तय की है। यूपीएससी की ओर से हर साल आयोजित होने वाली विभिन्न परीक्षाओं में हजारों उम्मीदवार बैठते हैं। इन परीक्षाओं में सीडीएसई (संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा), एनडीए सहित सिविल सेवा परीक्षा भी आयोजित की जाती है जिसके तहत आईएएस, आईपीएस अधिकारियों का चयन किया जाता है।

आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सात दिन बाद की गई किसी भी शिकायत को स्वीकार नहीं किया जाएगा। बयान के मुताबिक, परीक्षा के किसी पेपर में पूछे गए सवालों में कोई गलती पाए जाने पर उम्मीदवार इसकी शिकायत आयोग को परीक्षा तिथि के अगले दिन से लेकर सातवें दिन शाम ६ बजे तक कर सकते हैं।

आयोग ने कहा कि उदहारण के तौर पर अगर कोई परीक्षा 1 मार्च को आयोजित की गई है तो उम्मीदवार 8 मार्च को शाम ६ बजे तक गलती की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। शिकायत उम्मीदवार अपने ईमेल के जरिए ही आयोग के आधिकारिक ईमेल upsc@gov.in पर भेज कर दर्ज करवा सकते हैं। शिकायत में उम्मीदवारों को किस परीक्षा में गलती थी, उसकी जानकारी देनी होगी। आयोग ने साफ किया है कि पत्र के जरिए भेजी गई या स्वयं आयोग लेकर आई गई शिकायतों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

आयोग ने कहा कि सात दिन की समय सीमा समाप्त होने के बाद किसी भी शिकायत को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि संभवत: यह पहली बार है जब यूपीएससी ने उम्मीदवारों के लिए शिकायतें दर्ज करवाने के लिए समय सीमा तय की है।

 

एनसीईआरटी की पहल : अब बच्चों को सिखाया जाएगा बिल बनाना
देहरादून। अब कक्षा तीन से ही बच्चों को मूल्य सूची, बिल बनाना सिखाया जाएगा। कक्षा तीन के बच्चों में गणित के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने के लिए यह नई व्यवस्था की जा रही है। एनसीईआरटी ने इसके लिए हाल ही में सीखने के नए नियमों का सर्कुलर जारी किया है। अब शिक्षकों को गणित सिर्फ पहाड़ा याद कराकर या जोडऩे-घटाने तक सीमित नहीं रखना है। गणित को रुचिकर बनाने के लिए खेलकूद, घरेलू कामकाज में इसके फार्मूले को जोडऩे के लिए कहा गया है। कक्षा तीन के बच्चों से विभिन्न वस्तुओं के मूल्य दर का चार्ट तथा सामान्य बिल बनाने का तरीका भी सिखाने के लिए कहा गया है।

दरअसल, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के तहत कक्षा तीन, पांच और आठ के छात्रों को शामिल किया गया है। इसमें गणित की भी परीक्षा ली जाएगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए एनसीईआरटी गणित को रुचिकर विषय बनाने के लिए नए लर्निंग आउटकम तय किए हैं। इसी लिहाज से प्रक्रिया के मानक तय किए गए हैं।

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