यह संगठन दूर दराज के ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले करीब 28 लाख बच्चों को शिक्षा मुहैया करा रहा है। संगठन की इस कामयाबी की प्रधानमंत्री ने प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सामाजिक सेवा के लिए गांधी पीस पुरस्कार से सम्मानित यह संगठन पूरे राष्ट्र के लिए आदर्श प्रेरणास्रोत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने संगठन को सुझाव देते हुए वर्ष स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ अनोखे तरीके से मनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में ‘आजादी की लड़ाई में आदिवासियों का योगदान’ विषय पर परिचर्चा व तर्क प्रतियोगिताएं की जा सकती हैं। इसके साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताएं व एकल परिवार एक खेल महाकुंभ का भी आयोजन कर सकता है। इन्हें इस वर्ष से शुरू करके 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा किया जा सकता है।