हाईकोर्ट में पीसीएस प्री परीक्षा 2017 में पूछे गए गलत सवालों को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तीस मार्च को इस परीक्षा का परिणाम संशोधित करने के आदेश दिए थे। लेकिन आयोग ने परिणाम संशोधित नहीं किया और हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर कर दी है। आयोग को भरोसा था कि उसे सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल जाएगा तो वह मुख्य परीक्षा करा लेगा। इसी कारण आयोग ने 17 मई को परीक्षा कराने की तिथि निर्धारित की थी। आयोग को भरोसा था कि उसे स्टे मिल जाएगा इसी लिए 17 मई को प्रस्तावित पीसीएस मेन्स परीक्षा स्थगित नहीं की थी।
इससे पहले आयोग के सचिव ने एसएलपी दायर करने के बारे में बताते हुए कहा थी कि पीसीएस मेन्स 2017 परीक्षा सुप्रीम कोर्ट के आदेश/निर्देश के अधीन रहेगी। सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में आयोग की ओर से दाखिल एसएलपी की अभी स्क्रूटनी नहीं हो पाई है। स्क्रूटनी के बाद एसएलपी नंबर आवंटित होगा फिर कैविएट दाखिल करने वाले दो प्रतियोगियों और विपक्षीगण को नोटिस भेजी जाएगी। इस प्रक्रिया में समय लगेगा और संभव है कि 17 मई से पहले मामले की सुनवाई ही न हो पाए। इसे देखते हुए आयोग ने 17 मई से प्रस्तावित मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी है। आयोग के इस फैसले से पीसीएस प्री 2017 परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों ने राहत की सांस ली है। सभी परीक्षार्थियों को तैयारी करने का और ज्यादा समय मिल जाएगा। उनको भी राहत मिलेगी जिन्हें पीसीएस मेन्स के साथ जून को होने वाली संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में भी शामिल होना है।