सीबीएसई की ओर से जारी संबद्धता बाय लॉ के अनुसार, बोर्ड इन नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूलों को लिखित चेतावनी जारी करना, पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लगाना, तय समय तक संबद्ध को निलंबित करना, स्कूल को संबद्धता के लिए आवेदन करने पर रोक और संबद्धता को वापस लेना जैसी कार्रवाई भी कर सकता है।
bye-laws के अनुसार, अगर कोई स्कूल परीक्षा, अकादमिक, प्रशासनिक और वित्तीय गड़बड़ी करता हुआ पाया गया तो बोर्ड उनके खिलाफ उक्त सख्त कार्रवाई कर सकता है। ये कार्रवाई तब भी की जा सकती है अगर कोई स्कूल कोर्ट या सरकार के आदेश की भी अनदेखी करता है तो।
इसके अलावा, अगर किसी स्कूल का परिणाम लगातार तीन साल तक खराब रहता है, किसी भी स्तर पर संबद्धता को लेकर गड़बड़ी पाई जाती है, राज्य सरकार यदि अनापत्ति प्रमाण पत्र या मान्यता वापिस लेती है तो भी स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। bye-laws के मुताबिक, अगर शिक्षकों या प्रिसिंपल को ट्रेनिंग के लिए नहीं भेजा गया या फिर बोर्ड द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए किसी शिक्षक को नहीं छोड़ा गया तो भी कार्रवाई की जाएगी।
bye-laws में आगे कहा गया है कि अगर कोई शिकायत मिलती है तो बोर्ड इसके लिए स्कूल से सफाई मांग सकता है। इसके लिए स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और स्कूल को नोटिस का जवाब देने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा। जवाब मिलने पर उसका अध्ययन किया जाएगा और अगर बोर्ड जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो तय सजाओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।