देशव्यापी कंसल्टेशन के बाद देश में चाइल्ड राइट्स की टॉप बॉडी नैशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) ने इस बारे में एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें एचआरडी मिनिस्ट्री को बस्ते का वजन कम करने के लिए सुझाव दिए गए हैं। कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आरटीई में स्कूली बस्ते का वजन का प्रावधान जोड़ने के लिए उसमें संशोधन किया जाना चाहिए। साथ ही सभी प्राइवेट स्कूलों में मूल्याकंन का पैमाना एनसीईआरटी के नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क पर ही आधारित होना चाहिए। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया कि क्लास में केवल पढ़ने की सामग्री ही उपलब्ध कराई जाए न कि बच्चों को व्यक्तिगत रूप से घर से सभी किताबें ढोकर लानी चाहिए।
कमिशन ने कहा है कि एचआरडी मिनिस्ट्री को प्राइवेट टीचर्स की इन-सर्विस ट्रेनिंग के लिए भी फ्रेमवर्क तैयार करना चाहिए। कमिशन ने कहा है कि किताबों में इस्तेमाल होने वाला कागज कैसा हो और उसका वजन कितना हो यह भी तय किया जाना चाहिए। इसके अलावा एनसीईआरटी टाइमटेबल भी तय करे जिससे बच्चों को हर रोज ज्यादा किताबें स्कूल लाने की जरूरत ना पड़े। कमिशन ने यह भी कहा है कि बच्चों को मासिक किताबें उपलब्ध कराई जा सकती है यानी एक किताब में उन सभी विषयों के चैप्टर हों जो एक महीने के दौरान पढ़ाए जाने वाले हो। इसके लिए कोई बड़ा बदलाव भी नहीं करना होगा और बच्चों के बस्ते का वजन भी कम किया जा सकेगा।