पीएम मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को बल मिलेगा
उन्होंने कहा कि शिक्षा मनुष्य के व्यक्तित्व निर्माण का आधार है। शिक्षा के आधार पर ही एक आदर्श समाज और सु²ढ़ राष्ट्र का निर्माण होता है। शिक्षा में संस्कार का विशेष महत्व है। जीवन में सफलता का मार्ग जहां से प्रारम्भ हो सकता है, वही वास्तव में विद्या है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा प्रणाली को इस प्रकार होना चाहिए कि यह व्यक्ति को स्वावलम्बी बनाने के साथ-साथ उसको एक योग्य एवं सक्षम नागरिक बनाने में भी मदद करे। इसके लिए आवश्यक है कि पूरे देश में शिक्षा का पाठ्यक्रम एक हो। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को बल मिल सकेगा।
स्कूलों में बढ़े 50 लाख स्टूडेंट्स
उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस समिट के माध्यम से शैक्षिक पाठ्यक्रम में एकरूपता लाने की दिशा में सार्थक विचार-विमर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के गठन के बाद शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव किए गए हैं। कायाकल्प योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से स्कूलों में अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाया गया है। इसका परिणाम रहा है कि विगत ढाई वर्ष में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 50 लाख विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। इस तरह अब इन स्कूलों में 1 करोड़ 80 लाख बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने ने कहा कि नीति आयोग द्वारा प्रदेश के आठ जिलों का चयन आकांक्षात्मक जिले के रूप में किया गया है। एचसीएल, अजीम प्रेम जी फाउण्डेशन आदि संस्थान यदि इन जिलों के स्कूलों को गोद लेते हैं, तो राज्य सरकार इन्हें सहयोग प्रदान करेगी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव आर के तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल निर्देशन में शिक्षा में शुचिता आई है। सरकार के प्रयासों से नकल पर प्रभावी अंकुश लगा है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक कैलेण्डर लागू किया गया है। जिसके कारण समय पर परीक्षाएं व परिणाम घोषित किए जा रहे हैं।