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UP Assembly Elections 2022 : सीट बंटवारे पर अखिलेश—जयंत के बीच सहमति, इन जिलों में उतरेंगे रालोद के उम्मीदवार

locationमेरठPublished: Dec 05, 2021 02:32:41 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

UP Assembly Elections 2022 : सपा—रालोद के गठबंधन की नीव पड़ने के बाद अब दोनों दलों के बीच सीटोंं के बंटवारे पर भी करीब—करीब सहमति बन चुकी है। सूत्रों की माने तो पश्चिमी उप्र की कुछ सीटों को छोड़कर सभी पर रालोद चुनाव लड़ेगी। जबकि बची सीटों पर सपा अपने प्रत्याशी उतारेगी। सीटों के बंटवारे की घोषणा मेरठ के दबथुबा में होने की संयुक्त रैली के बाद होगी।

UP Assembly Elections 2022 : सीटों के बंटवारे पर बनी अखिलेश—जयंत में सहमति, इन जिलों में उतरेंगे रालोद के उम्मीदवार

UP Assembly Elections 2022 : सीटों के बंटवारे पर बनी अखिलेश—जयंत में सहमति, इन जिलों में उतरेंगे रालोद के उम्मीदवार

मेरठ . UP Assembly Elections 2022 : सपा—रालोद के बीच सीटों के बंटवारे पर बात बन गई है। जिसके अनुसार पश्चिमी यूपी की अधिकांश सीटें रालोद के खाते में आएगी। जबकि बाकी बची पर सपा चुनाव लड़ेगी। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय लोकदल के लिए समाजवादी पार्टी 35 सीटें देने पर सहमति जताई है। इसके अलावा दो से तीन सीटों पर रालोद के सिंबल पर सपा उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं। जानकारों की माने तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के बीच कई दौर की बातचीत के बाद सीटों के बंटवारे पर यह सहमति बनी है।
भाजपा को सत्ता से उतारने के लिए सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूरी ताकत झोंकी हुई है। रालोद से गठबंधन के बाद अब सपा अध्यक्ष अन्य छोटे दलों से भी गठबंधन करने की तैयारी में हैं। इस चुनावी माहौल में अखिलेश यादव की रथयात्रा भी प्रदेश में चल रही है। एक तरफ अखिलेश ने पूर्वी यूपी में सुलेहदेव भारतीय समाज पार्टी को साध लिया है तो वहीं पश्चिम यूपी में रालोद के साथ राजनैतिक डील पक्की कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक जयंत चौधरी की पार्टी रालोद को पश्चिम यूपी में 35 सीटों पर सहमति मिल चुकी है
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इस सीटों पर रालोद को समर्थन देगी समाजवादी पार्टी
रालोद मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा,बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर, शामली जैसे जिलों में मजूबती से चुनाव लड़ने की स्थिति में है। एक तरफ जहां पश्चिम यूपी की सीटों पर रालोद को सपा से चुनावी लाभ मिलेगा तो वहीं दूसरी ओर ब्रज के बड़े क्षेत्र में समाजवादी पार्टी को रालोद से गठबंधन का फायदा मिल सकता है।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक किसान आंदोलन के चलते जाटों और किसानों की भाजपा से नाराजगी का राजनैतिक लाभ रालोद को मिलने की पूरी उम्मीद है। इसके अलावा चौधरी अजित सिंह की मौत के बाद जयंत चौधरी का यह पहला चुनाव है। ऐसे में उन्हें सहानुभूति की लहर का भी इस चुनाव में फायदा मिल सकता है।

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