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UP Assembly Elections 2022 : एक मंच पर आए अखिलेश—जयंत, अंबेडकर और चरण सिंह के सहारे वेस्ट फतह की कोशिश

locationमेरठPublished: Dec 07, 2021 07:05:09 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

UP Assembly Elections 2022 : आज मेरठ के दबथुवा में एक मंच पर जैसे ही अखिलेश और चौधरी जयंत आए सपा—रालोद के गठबंधन की गांठ और पक्की हो गई। दोनों नेताओं के निशाने पर भाजपा सरकार रही। मंच पर बाबा भीमराव अंबेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के तस्वीर की मौजूदगी भी यह साबित करने के लिए काफी थी कि दलों के गठबंधन के बाद भी इन दोनों महापुरूषों के सहारे ही पश्चिमी उप्र की राह आसान होगी। रैली स्थल पर लगे कट आउट में अखिलेश यादव से बड़े चौधरी जयंत दिखाई दिए।

UP Assembly Elections 2022 : एक मंच पर आए अखिलेश—जयंत, अंबेडकर और चरण सिंह के सहारे वेस्ट फतह की कोशिश
UP Assembly Elections 2022 : एक मंच पर आए अखिलेश—जयंत, अंबेडकर और चरण सिंह के सहारे वेस्ट फतह की कोशिश
पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मेरठ . UP Assembly Elections 2022 : मेरठ के दबथुवा कस्बे में आज सपा—रालोद के गठबंधन पर उस समय पक्की राजनीति मोहर लगी जब दोनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक मंच पर आए। सपा और रालोद के गठबंधन के बाद आज मेरठ में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने पश्चिमी यूपी की जनता का मूड परखा। ऐसा पहली बार है जब दोनों दिग्गज नेता एकसाथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और एक साथ मंच को साझा किया। दोनों नेताओं ने रैली में उपस्थित समर्थकों का हाथ उठाकर स्वागत किया।
सरकार बनी तो बनेगा किसानों का स्मारक
इसके बाद जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार बनेगी तो सबसे पहले मेरठ में किसानों के लिए एक स्मारक हम बनाएंगे। जिससे शहीद किसानों की कुर्बानी याद रखी जाए। जयंत ने कहा कि योगी औरंगजेब पर बात शुरू करते हैं और अंत में पलायन पर आ जाते हैं। पेपर दिला नहीं पाते। मजबूर होकर नौजवान दूसरे प्रदेश जाकर नौकरी ढूंढते हैं, योगी जी को ये पलायन नहीं दिखता। बाबा जी को गु्स्सा भी बहुत आता है। कभी मु्स्कराते नहीं हैं।
किसान मामले में भाजपा को दाढ़ी मुंडवानी पड़ी और नाक कटवानी पड़ी
जयंत ने कहा कि आज कल राजनीति में एक शब्द का प्रयोग बहुत होता है फायरब्रांड नेता... लेकिन ये फायरब्रांड नहीं हैं। एक साल किसानों का अपमान हुआ लेकिन भाजपा के किसी भी नेता की एक शब्द भी बोलने की हिम्मत नहीं हुई। ये फायरब्रांड कैसे हुए। उन्होंने कहा कि किसानों के मामले में भाजपा को दाढ़ी भी मुंडवानी पड़ी, नाक भी कटवानी पड़ी।
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