उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर ‘वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल’ करने के अलावा ‘गोलीबारी’ की। उनमें से एक को यह कहते हुए भी सुना गया कि, “हम किसी बीजेपी नेता को गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे।” एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “भाजपा ने किसानों के साथ जो किया, उसे हम नहीं भूल सकते।” सूत्रों ने बताया कि भाजपा उम्मीदवारों का विरोध करने वाले लोग किसान संगठन से थे।
इस बीच, सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि, “कुछ लोग थे जिन्होंने शुरू में खुद को किसान बताकर मुझसे बात की थी। बाद में, हमने पाया कि वे एसपी कार्यकर्ता थे जिन्होंने शांति भंग करने की कोशिश की। मैंने जिला पंचायती राज अधिकारी से इस पर गौर करने का अनुरोध किया है। गांव की स्थिति और वहां के सभी लंबित कामों को पूरा करें। ग्राम प्रधान हमारा समर्थन कर रहे हैं और मैं कई स्थानीय लोगों से मिला जिन्होंने भाजपा को वोट देने का वादा किया था। वे सपा उम्मीदवार से नाखुश हैं क्योंकि उनके द्वारा कोई वादा पूरा नहीं किया गया था।
असमोली से मौजूदा विधायक सपा की पिंकी यादव हैं। उन्होंने 2012 में भी यह सीट जीती थी। इसी तरह की घटनाएं जहां भाजपा उम्मीदवारों के साथ गलत व्यवहार किया गया है, अन्य निर्वाचन क्षेत्रों से भी रिपोर्ट की गई हैं।
यह भी पढ़ें
UP Election 2022: बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह, राजनाथ सिंह और सीएम योगी मैदान में, घर-घर में देंगे दस्तक
इस हफ्ते की शुरुआत में मेरठ के चुर गांव में सिवलखास विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी मनिंदर पाल सिंह के काफिले पर पथराव किया गया था। हमले से उनकी कार के शीशे टूट गए। सिंह जाट बहुल गांव में चुनाव प्रचार के लिए जा रहे थे, तभी हमला हुआ। घटना का एक वीडियो जल्द ही सोशल मीडिया पर सामने आया था। भाजपा ने हमले के लिए एक रालोद के कार्यकर्ता को जिम्मेदार ठहराया, जबकि बाद में भाजपा पर ‘सहानुभूति वोट हासिल करने के लिए खुद के खिलाफ हमले की साजिश रचने’ का आरोप लगाया। मुजफ्फरनगर से बीजेपी प्रत्याशी विक्रम सैनी को मुंवरपुर गांव के लोगों ने खदेड़ दिया। उन्हें अपनी कार में लौटने और कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। चुनाव प्रचार के सिलसिले में पिछले सप्ताह गांव आए सैनी के खिलाफ ग्रामीणों ने नारेबाजी की।
यह भी पढ़ें