सवाल: असम में आप लंबे समय से ठहरे हुए हैं। अब कैसा माहौल देखते हैं? जितेन्द्र: भाजपा की सरकार ने यहां कोई काम नहीं किया है। लोगों को कांग्रेस सरकार के दिन याद आ रहे हैं। यही वजह है कि लोग बदलाव चाहते हैं। हम लोगों के बीच गए और जनता की आवाज पर हमने पांच गारंटी दी है। चाय बगान के श्रमिकों को मनरेगा से भी कम मजदूरी मिल रही है।
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Assam में राहुल गांधी ने लगाई वादों की झड़ी, चुनाव प्रचार में झोंकी पूरी ताकत सवाल: कांग्रेस सीएए को बड़ा मुद्दा बता रही है, जबकि भाजपा इसे मुद्दा ही नहीं मानती है। जितेन्द्र: देखिए, कांग्रेस ने सीएए का विरोध राज्यसभा, लोकसभा और असम की सडक़ों पर किया है। राहुल गांधी ने इसके विरोध में पदयात्रा की और असम में प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। अब सिल्चर और बराक वैली में भी आंदोलन शुरू हो चुका है। भाजपा झूठ का प्रचार कर रही है। यह एक ऐसा हथियार है, जो समाजों को जाति-बिरादरी के नाम पर लोगों को तोड़ता है। हकीकत यह है कि असम में जो बंगाली और राजस्थानी 200 साल से रह रहा है, उसे लिखकर देना होगा कि वह घुसपैठियां और विदेशी है। फिर उसे नागरिकता दी जाएगी। ऐसा कोई हिन्दुस्तानी लिखकर नहीं देने वाला है।
सवाल: सीएए केन्द्रीय कानून है, राज्य में इसे आप कैसे रोक पाएंगे? जितेन्द्र: भाजपा ने सीएए से असम की संस्कृति, इतिहास, अस्मिता पर हमला किया है। भाजपा को अपना मत स्पष्ट करना चाहिए। बंगाल में कुछ और बात करते हैं, जबकि असम में चुप्पी साध जाते हैं। जिस तरह से कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस शासित प्रदेशों ने विधानसभा से कानून पारित किए हैं, उसी तर्ज पर असम में सरकार बनने के बाद विधानसभा के पहले सत्र में ही सीएए के खिलाफ कानून पारित किया जाएगा।
सवाल: एआईयूडीएफ से गठबंधन के चलते कांग्रेस पर घुसपैठियों की मदद से सरकार बनाने की कोशिश का आरोप पीएम नरेन्द्र मोदी लगा चुके हैं? जितेन्द्र: भाजपा ने जब राज्यसभा और नौगांव, करीमनगर समेत 3 जिला परिषदों के चुनाव जीतने के लिए अजमल की पार्टी से हाथ मिलाया, तब तो वह घुसपैठिये नहीं थे। अब चुनाव आए तो ऐसी बातें कर रहे हैं। भाजपा ने पांच साल में कुछ नहीं किया है। चुनाव आते ही भाजपा ध्रुवीकरण की कोशिश में जुट जाती है।
सवाल: पीएम मोदी, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनवाल समेत अन्य नेता ब्रह्मपुत्र नदी पर कई पुल व सडक़ें बनाने को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। जितेन्द्र: जनता जानती है, ब्रह्मपुत्र नदी के बोगी बिल पुल एक दिन में नहीं बनते है, दसों साल लगते हैं। हमारी सरकार के समय इसकी सुरक्षा स्वीकृति की जांच होनी शेष थी। पुल हमने बनाए हैं, सिर्फ उस पर रंग-रोगन करने और पत्थर लगाने से कुछ नहीं होता। असम में जितना विकास हो रहा है, वो मनमोहन सिंह जी के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू किया गया था। मैं चुनौती देता हूं कि कोई एक ऐसा प्रोजेक्ट बता दें, जिसकी शुरुआत भाजपा सरकार के समय शुरू होकर उसका उद्घाटन इन्होंने किया हो।
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Assam में दूसरे चरण में कितने उम्मीदवारों का क्रिमिनल रिकॉर्ड, टिकट देने में कौन आगे सवाल: तरूण गोगई के निधन से कांग्रेस में लीडरशिप की शून्यता दिख रही है। इसकी भरपाई कैसे होगी? जितेन्द्र: तरूण गोगई की याद हम सभी को आती है। गोगई असम में शांति और विकास के प्रतीक हैं। लोग गोगई के कार्यकाल को याद करते हैं। हम उनके अधूरे सपने को पूरा करेंगे। वैसे हमारे पास युवा लीडरशिप है, जिनके पास तुर्जबा भी है।
सवाल: असम में आप कितनी सीट जीतने की उम्मीद रखते हैं? जितेन्द्र: हमारा यहां प्रदर्शन काफी अच्छा रहने वाला है। हम 101 सीट जीतने जा रहे हैं।