गायत्री तिवारी ने दिये चुनाव लड़ने के संकेत बिकरू कांड के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गये अमर दुबे की सास गायत्री तिवारी ने सपा के चुनाव लड़ने के प्रस्ताव पर हामी भर दी है। गायत्री तिवारी का कहना है कि वैसे तो अन्य दलों से भी चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला था। लेकिन उन्हें अखिलेश यादव पर पूरा भरोसा है।
बेटी को जेल से निकालना है प्राथमिकता गायत्री तिवारी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता जेल में बंद अपनी बेटी खुशी दुबे को बाहर निकालना है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने भरोसा दिलाया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो एक महीने के भीतर खुशी दुबे को बाहर निकाला जायेगा।
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वोटर्स को श्रमजीवी नहीं, मुफ्तजीवी बनाने पर आमादा है सियासी दल शादी के सातवें दिन ही एनकाउंटर में मारा गया था अमर दुबे कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में विकास दुबे और उसके गुर्गे द्वारा 8 पुलिस वालों की नृशंस हत्या हुई थी। जिसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने विकास दुबे, अमर दुबे समेत पांच आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। जिस समय अमर दुबे का एनकाउंटर हुआ था उससे सात दिन पहले ही उसकी शादी खुशी दुबे से हुई थी। पुलिस जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि जिस वक्त खुशी दुबे की शादी हुई वह नाबालिग थी। पुलिस ने खुशी दुबे को भी बिकरू कांड में आरोपी बनाया था। पुलिस ने खुशी दुबे पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा था। वर्तमान समय में भी खुशी दुबे जेल में बंद है।
2 जुलाई 2020 को हुआ था बिकरू कांड कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की आधी रात को गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। एक-एक पुलिसकर्मी को दर्जनों गोलियां मारी थीं। पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे और उसके दाहिने हाथ रहे अमर दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। 45 आरोपी जेल में बंद हैं। केस का ट्रायल जारी है।