इस चुनावी माहौल में भी बसपा सुप्रीमो एक बार भी किसी जिले के दौरे पर नहीं गईं और न उन्होंने चुनाव प्रचार किया है। पहले चरण का मतदान आगामी 10 फरवरी को पश्चिमी उप के 11 जिलों में 58 सीटों पर होगा। इस क्षेत्र में दलित बाहुल्य सीटें भी हैं। जिन पर बसपा काफी निर्णायक भूमिका निभाती रही है। लेकिन चुनाव में बसपा की सुस्ती और मायावती के बाहर न निकलने से कार्यकर्ताओं में थोड़ी मायूसी जरूर हैं। वहीं मायावती ने सतीश मिश्रा के भी चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है।
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UP Assembly Election 2022 : दलों के वार रूम तैयार,सियासी दलों ने सत्ता संग्राम जीतने को सोशल प्लेटफार्म पर ये घातक तैयारी पहले चरण के मतदान का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। लेकिन बसपा की बहन जी ने चुनाव के लिए अब तक किसी प्रचार की कमान खुद नहीं संभाली है। इस बीच खबर है कि मायावती खुद चुनाव भी नहीं लड़ेंगी। यही नहीं उनके मुख्य सिपहसालार सतीश मिश्रा भी चुनावी जंग से दूर रहेंगे। खुद बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘पूर्व सीएम मायावती और मैं चुनाव नहीं लड़ेंगे।’ हालांकि इसके बाद भी उन्होंने यूपी की सत्ता में बीएसपी की वापसी का दावा किया।
हालांकि न लड़ने की घोषणा मायावती ने खुद न कर अपने भरोसेमंद सिपहसलार सतीश चंद्र मिश्रा से करवाई है। समाजवादी पार्टी के 400 सीटें जीतने के दावे पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी के पास तो 400 उम्मीदवार ही नहीं हैं तो फिर इतनी सीटें वे कैसे जीतेंगे। सतीश मिश्रा ने कहा है कि इस बार बहुजन समाज पार्टी की सरकार प्रदेश में बनाने जा रही है।’
यह भी पढ़े : UP Assembly Election 2022 : मकर संक्रांति पर जारी होगी पहले दौर के प्रत्त्याशियों की लिस्ट, इन नेताओं को भाजपा देगी टिकट सतीश चंद्र मिश्रा काफी दिनों से अकेले ही प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। अवध से लेकर पूर्वांचल और पश्चिम यूपी तक के वे दौरे कर चुके हैं। खासतौर पर ब्राह्मण समुदाय को लुभाने के लिए उन्होंने कई आयोजन किए हैं। लेकिन मायावती की चुनाव को लेकर न तो कोई जनसभा हुई है और न ही कोई रोड शो आदि निकाला है। बता दे कि मायावती ने इस समय बसपा की पूरी चुनावी कमान सतीश मिश्रा को और उनके बेटे को सौंपी हुई है।।