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Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: शह और मात के खेल में डिजिटल घमासान, कौन कितने पानी में

locationवाराणसीPublished: Jan 25, 2022 12:49:20 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

कोरोना संक्रमण ने जहां जन-जन के भीतर भय पैदा कर रखा है। हर कोई सहमा-सहमा सा नजर आता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले सूबे में विधानसभा चुनाव कम चुनौती वाला नहीं। कोरोना के खतरों को भली-भांति समझते हुए ही केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने फिजिकल कैंपेनिंग की जगह डिजिटल कैंपेनिंग का फार्मूला सभी दलों को दिया है। ऐसे में पत्रिका ने कुछ प्रमुख पार्टियों से जानने की कोशिक की कि उनकी तैयारी क्या है? जानते हैं, चुनावी प्रचार प्रसार के इस अभियान में कौन कितना पानी में है।

Digital Campaigning

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वाराणसी. कोरोना संक्रमण के दौर में विधानसभा चुनाव, है तो मुश्किल डगर लेकिन निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन का पालन करना भी है सियासी दलों की मजबूरी। ऐसे में सभी ने कमर कस ली है। मैदान-ए-जंग में सारे सूरमा उतर चुके हैं। थोड़ा कम-ज्यादा सही पर सूबे के लगभग सभी दलों ने इस डिजिटल कैंपेनिंग को अपना अस्त्र बना लिया है। कुछ दलों का तो यहां तक दावा है कि उनकी रणनीति को ही निर्वाचन आयोग फालो कर रहा है। ऐसे में जानते हैं कौन कितने पानी में है। किसका क्या है दावा…
ये तो मानना ही पड़ेगा कि डिजिटलीकरण के मामले में पिछले दो साल (कोरोना काल) ने प्रायः हर किसी को डिजिटल अभ्यास करने को मजबूर कर दिया है। अब रिक्शा चलाने वाला हो या ठेले पर सब्जी बेचने वाला सभी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माहिर हो चुके हैं। लेकिन ये सब न तो एक दिन में संभव हुआ है। बावजूद इसके चुनाव प्रचार जैसे काम को अंजाम देना वो भी डिजटली कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। इस प्रक्रिया का किसे कितना लाभ होगा, कौन कितने ज्यादा से ज्यादा वोटर को डिजटी अपने पाले में कर पाएगा ये तो 10 मार्च के बाद ही पता चलेगा पर चुनाव अधिसूचना जारी होने या कहें कि कोरोना की तीसरी लहर के संभावित अंदेशे को भांपते हुए लगभग सभी दलों ने कमोबेश इसकी तैयारी पहले से ही कर रखी थी। तो जानते हैं कि अब देश की बड़ी पार्टियों का कैसे चल रहा डिजिटल प्रचार…
भाजपा
बात भारतीय जनता पार्टी की करें तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी पिछले सात सालों से डिजिटल इंडिया का कैंपेने चला रही है। लगभग सोशल मीडिया के सारे प्रारूप पर बीजेपी का कब्जा है। ऐसे में विधानसभा चुनाव प्रचार को डिजिटल स्वरूप देने में उसे खास दिक्कत नहीं आई। पार्टी के काशी क्षेत्र के आईटी विंग के प्रमुख विजय गुप्ता ने पत्रिका संग बातचीत में बताया कि भाजपा का वाराणसी के रोहनिया स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में भव्य स्टूडियो निर्माण अंतिम दौर में है। इसके अलावा पार्टी के 30 आईटी विशेषज्ञ दिन-रात जुटे हैं पार्टी के डिजिटल प्रचार को धार देने में। इस क्षेत्रीय कार्यालय से क्षेत्र के सभी 71 जिलों की टीमें भी जुड़ी हैं। क्षेत्र के सभी जिलों को मिला कर वाराणसी में 78 लोगों की टीम काम कर रही है। इसी तरह से पूरे प्रदेश में काम चल रहा है। इतना ही नहीं अब तो कैंटोनमेंट क्षेत्र स्थित होटल डि पेरिस में मीडिया सेंटर भी लगभग बन कर तैयार हो गया है। यहां भी आकर्षक स्टूडियो व वार रूम तैयार किया जा रहा है ताकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पदाधिकारियों और प्रत्याशियों को किसी तरह की दिक्कत न हो।
आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी की डिजिटल तैयारियों की बात करें तो पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह बताते हैं कि आम आदमी पार्टी के डिजिटल कैपेन को ही आधार मान कर केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने यूपी या अन्य राज्यों में डिजिटल कैंपेने को अनुमति दी है। सिंह कहते हैं कि हम तो कोरोना काल से पहले से ही डिजिटल प्रचार कर रहे हैं। हमारी लगभग सारी मीटिंग डिजिटली होती रही है। यूपी विधानसभा चुनाव की बात करें तो वाराणसी में पहली वर्चुअल रैली आम आदमी पार्टी ने की जिसमें पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने वाराणसी की आठो विधानसभा क्षेत्र से जुड़े न केवल पार्टी कार्यकर्ता बल्कि मतदाताओं को संबोधित किया। उन्होंने दावा किया कि वर्चुअल रैली दो लाख 65 हजार लोग शामिल हुए। इसके अलावा पार्टी का घर-घर प्रचार का फार्मूला दिल्ली में पहले ही सफल हो चुका है। उन्होंने बताया कि हमारा हर विधानसभा क्षेत्र में ह्वाट्सएप ग्रुप है और ग्रुप से कम से कम 50 हजरा लोग जुड़े हैं। ऐसे करीब 389 ग्रुप हैं। जहां तक टेक्निकल मैन पॉवर की बात है तो, सोशल मीडिया के वालेंटियर दिन-रात इस काम में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा स्टूडियो नहीं है। बल्कि हमारी पूरी टीम विधानसभा स्तर पर जिला मंडल, प्रदेश प्रकोष्ठ में बंटी है और एक छोटा सा छोटा मैसेज भी ऊपर से नीचे तक पलक झपकते पहुंचा रहे हैं। हर विधानसभा स्तर पर 100 लोग और जिला स्तर पर 700 ऐसे विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है।
सपा
समाजवादी पार्टी की बात करें तो प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने बताया कि सपा कार्यकर्ताओं की टीम लगाई गई है। इस टीम में तकनीकी दक्ष युवाओं को शामिल किया गया है। कहा कि लखनऊ से जो भी मैटेरियल आता है उसे पलक झपकते ही विधानसभा वार भेजते हैं। उन्होंने बताया कि वैसे तो सोशल मीडिया के हर प्रारूप पर पार्टी के कार्यर्ता सक्रिय हैं। ह्वाट्सएप। हमारी आईटी टीम इनका बखूबी संचालन कर रही है। मनोज बताते हैं कि विधानसभा चुनाव की दृष्टि से ह्वाट्सएप, फेसबुक, ट्विट व इंस्ट्रा पर लगातार प्रचार जारी है। इसके अलावा जूम मीटिंग भी हो रही है।
कांग्रेस
कांग्रेस की बात करें तो पार्टी के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे का कहते हैं कि विधानसभावार वार रूम बन चुका है। यूथ कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम चुनाव अधिसूचना जारी होने से बहुत पहले से सक्रिय है। ऐसी 140 विशेषज्ञों की टीम लगातार अपने काम को बखूबी अंजाम दे रही है। इस टीम को दिल्ली व लखनऊ के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षित किया है। समय-समय पर आईटी विशेषज्ञों की टीम हर कमी को तत्काल दूर करती रहती है। इसके साथ ही हम लोग जूम लिंक से मीटिंग कर रहे हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान ही पार्टी ने अपने डिजिटल स्वरूप पर काम करना शुरू कर दिया था। दिल्ली व लखनऊ से पार्टी की महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य बड़े नेता मीटिंग करते रहे जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल होते हैं। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना की पहली व दूसरी लहर में कई वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस भी की। यूपी चुनाव की बात करें तो पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की तो वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस की। बताया कि वाराणसी के सभी 90 वार्ड में हमारी डिजिटल टीम सक्रिय है। हर उम्मीदवार का अपना-अपना ह्वाट्सएप ग्रुप, फेसबुक पेज है। इसी तरह से ट्विटर और इंस्ट्रा पर भी सब सक्रिय हैं।

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