दरअसल पंजाब में विधानसभा चुनाव एक ही चरण में होना है। ऐसे में पंजाब के राजनीतिक दल चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा वोटिंग हो, जिसके लिए जरूरी है कि चुनाव ऐसी तारीख पर कराए जाएं जब मतदान में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो।
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क्यों चुनाव टालने की मांग
दरअसल रविदास जयंती को लेकर राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग ने मतदान टालने की अपील की है। प्रस्तावित मतदान को टालने के लिए चन्नी सरकार के साथ-साथ बीजेपी और बसपा सहित अन्य पार्टियों ने भी अनुरोध किया है। बता दें कि लाखों श्रद्धालु रविदास जयंती मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी जाते हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों का मानना है कि वे इसकी वजह से मतदान नहीं कर पाएंगे।
इस साल गुरु रविदास की जयंती 16 फरवरी को पड़ रही है। ऐसे में प्रबल संभावना है कि चुनाव आयोग अपनी मीटिंग में चुनाव की तारीख को आगे बढ़ा सकता है।
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पंजाब में रविदास अनुयायियों की आबादी 32 फीसदी
दरअसल 'राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी आबादी है, जो पंजाब की आबादी का लगभग 32 फीसदी है।' यही वजह है कि राजनीतिक दलों को लगता है कि इससे चुनाव प्रभावित होंगे, काफी लोग वोट नहीं डाल पाएंगे।