प्रशासन का मानना है कि पूरे विवाद के लिए पहड़िया मंडी स्थित मतगणना स्थल से मंगलवार को बिना किसी सूचना के प्रशिक्षण के लिए ईवीएम ले जाई जा रही थी। ऐसे में जिला निर्वाचन अधिकारी/ कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने मामाल शांत होने के बाद हुई जांच में नोडल अधिकारी की लापरवाही की पुष्टि हुई। इसी के आधार पर यह कार्रवाई की गई।
ये भी पढें- UP Assembly Elections 2022: वाराणसी में ईवीएम प्रकरण पर रात भर चला विरोध प्रदर्शन, ऑब्जर्वर्स की मौजूदगी में हुई जांच के बाद माने सपाई एडीएम आपूर्ति की जगह अब एडीएम वित्त व राजस्व संजय कुमार को ईवीएम का नोडल अधिकारी बनाया गया है। एडीएम आपूर्ति को निर्देशित किया गया है कि वो न तो निर्वाचन कार्य में भाग लेंगे और न मतगणना स्थल पर जाएंगे। बताया जा रहा है कि बुधवार देर शाम तक निर्वाचन आयोग भी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
ये भी पढें- UP Assembly Elections 2022: वाराणसी के EVM प्रकरण में इतने लोगों के विरुद्ध FIR बता दें कि मंगलवार की शाम पहड़िया मंडी स्थित मतगणना स्थल के पास समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओ ने मतगणना प्रशिक्षण के पहड़िया मंडी से यूपी कॉलेज ले जाई जा रही ईवीएम लदी पिकअप को पकड़ा था जिसके बाद ये हंगामा शुरू हुआ। समाजवादी पार्टी की कैंट विधानसभा क्षेत्र की प्रत्याशी पूजा यादव ने सबसे पहले यह मसला ह्वाट्सएप ग्रुपों में वायरल कर पार्टी कार्यकर्ताओं को पहड़िया पहुंचने को कहा था। फिर समाजवादी पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और कांग्रेस नेताओं ने जमकर हंगामा किया। मंडी के मुख्य द्वार सहित परिसर में जगह-जगह समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जहां-तहां धरने पर बैठ गए। यहां तक कि बैरिकेडिंग तोड़कर ईवीएम वाले स्ट्रांग रूम में घुसने का प्रयास किया। इस कोशिश में वहां तैनात सुरक्षाबलों संग नोकझोंक भी हुई थी।
लगभग पूरी रात चले इस हंगामे के बीच समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता व कार्यकर्ता नारेबाजी करते रह। मंडी के सामने पांडेपुर-पहड़िया मार्ग पर पर रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया। इस दौरान पथराव भी हुआ। शाम छह बजे के आसपास शुरू हुआ प्रदर्शन। पहड़िया मंडी से पीलीकोठी-गोलगड्डा तक पहुंच गया। समाजवादी पार्टी समर्थकों ने यहां भी विरोध प्रदर्शन किया। ये सारा बवाल भोर में तीन बजे तक चला। फिर प्रशासन ने निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में पिकअप पर लदी सभी 20 ईवीएम को प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं के समक्ष खोल-खोल कर दिखाया, तब जा कर प्रत्य़ाशी संतुष्ट हुए और प्रशासन ने भी राहत की सांस ली। उसके बाद ही ईवीएम को बिना सूचना पहड़िया से यूपी कॉलेज ले जाने को लापरवाही मानते हुए नोडल अधिकारी को निर्वाचन के कार्यों से विरत कर दिया गया।