उधर वाराणसी केंद्रीय कारागार में बंद बाहुबली एमएलसी बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह चंदौली की सैयदराजा सीट से मैदान में हैं। वो तीन बार विधायक बन चुके है ये चौथा अवसर है। वो सुशील ही हैं जिन्होंने अपने चाचा की हार का हिसाब चुक्ता किया था। फिर उन्हें एमएलसी बनाने में भी बड़ी भूमिका निभाई।
कभी बनारस जिले का अंग रहे भदोही जिले के ज्ञानपुर से बाहुबली विजय मिश्र मैदान में हैं। वो आगरा जेल से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका प्रचार पत्नी रामलली और बेटियां संचालित कर रही हैं। विजय पिछली बार निषाद पार्ट से चुनाव लड़े थे और विजयी हुए थे पर अबकी निषाद पार्ट ने टिकट नहीं दिया तो प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं।
सबसे चर्चित सीट जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट बन गई है। कारण यहां से बाहुबली धनंजय सिंह चुनाव मैदान में हैं। धनंजय सिंह की उम्मीदवारी को लेकर विपक्ष ने खासा शोर मचाया है। दरअसल उन पर हत्या और हत्या की साजिश जैसे संगीन मामले हैं। वो इस बार जद यू के टिकट पर मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं।
गाजीपुर सदर से इस बार बीएसपी ने राजकुमार सिंह गौतम को मैदान में उतारा है। राजकुमार पर संगीन धाराओं में 11 मुकदमें दर्ज हैं। गौतम सातवें चरण के ऐसे उम्मीदवार है जो मुकदमो के मामले में यूपी के टॉप 5 में शामिल हैं। लिहाजा अब लोगों की निगाह उन पर भी लगी है।
उधर आजमगढ़ की फूलपुर पवई सीट से पूर्व सांसद रमाकांत यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। रमाकांत की छवि भी दबंग नेता की है। सपा को उनसे काफी उम्मीदें है। देखना रोचक होगा कि इस बार उनकी दमदारी क्या गुल खिलाती है।
वहीं वाराणसी के पिंडरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर अजय राय मैदान में हैं। राय तीन बार बीजेपी, एक बार निर्दल और एक बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। पिछली बार मोदी लहर में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। अबकी दफा कांग्रेस ने उन पर फिर से भरोसा जताया है। राय की पहचान भी ताकतवर नेता के रूप में की जाती है।