खड़गे और गहलोत को कांग्रेस में शामिल करने के लिए धन्यवाद देते हुए व्यास ने कहा, नर्मदा सहित गुजरात में सभी सिंचाई योजनाओं की योजना 1960 के दशक से पहले बनाई गई थी, यह कहते हुए कि नर्मदा के संबंध में झूठ लोगों को बार-बार बताया गया है। व्यास ने कहा कि नर्मदा बांध की सीमेंटिंग का 75 फीसदी काम कांग्रेस के शासन में हुआ था।
व्यास ने किसी बीजेपी नेता का नाम लिए बगैर कहा कि 32 साल तक जिस पार्टी में उनका घर था, उसे छोड़ने का उन्हें दुख है। लेकिन उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी में दो ‘बरगद के पेड़’ हैं, जिन्होंने किसी अन्य नेता को बढ़ने नहीं दिया।
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व्यास ने पहले कहा था कि वह सिद्धपुर से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नहीं लड़ना चाहते थे। उन्होंने आगे कहा कि मैं सिद्धपुर से चुनाव लड़ूंगा, लेकिन इसे एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नहीं लड़ना चाहता। अगर कोई विकल्प नहीं बचा है, तो मैं एक स्वतंत्र उम्मीदवार से लड़ सकता हूं, अन्यथा मैं अपनी पसंद की किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करूंगा। व्यास के कांग्रेस में शामिल होने से पाटन जिले की सिद्धपुर सीट पर पार्टी कांग्रेस को फायदा होने की उम्मीद है, जहां पार्टी के मौजूदा विधायक चंदनजी ठाकोर इस समय मैदान में हैं।