मौलाना मदनी का कहना है कि देश में इस समय वैचारिक और धार्मिक जंग का माहौल चल रहा है। वैचारिक जंग तभी जीती जा सकती है जबकि इसके लिए तालीम जैसा हथियार अपने पास हो। उन्होंने काफी दुखी होकर यह स्वीकार किया है कि देश का मुसलमान इस समय तालीम के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। मुसलमानों को तालीम में पिछड़ने में देश की राजनैतिक शक्तियों का बहुत बड़ा हाथ बताया। मदनी ने चुनाव में वोट करने को लेकर एक अपील भी मुस्लिम मतदाताओं से की है। जिसमें सच्चर कमेटी का हवाला देते हुए कहा कि इस कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार देश में मुस्लिमों की स्थिति दलितों से भी बदतर है।
यह भी पढ़े : UP Assembly elections 2022 : भाजपा प्रत्याशी के काफिले पर पथराव,जान बचाकर भागे समर्थक बता दें कि मौलाना मदनी ने मुस्लिमों के पिछड़ेपन का मुददा ऐसे समय में उठाया है। जिस समय प्रदेश में चुनावी माहौल है। उनके इस मुददे को उठाने को सियासी हलकों में किसी बड़ी राजनैतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है। मौलाना मदनी ने कहा कि इस देश की राजनैतिक इच्छा शक्ति नहीं चाहती कि मुसलमान पढ़लिखकर आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि अगर तुम पढ़ लिख जाओगे तो अपना हक मांगना शुरू कर दोगो। कोई भी सरकार या दल यह कभी नहीं चाहेगा कि मुसलमान को उसका हक मिल सके। इसी कारण से मुसलमानों को अनपढ बनाने की साजिश रची जा रही है। जिससे कि वो राजनैतिक दलों का मोहरा बना रहे। मदनी ने अपनी अपील में मुसलमानों से कहा है कि अब भी समय है अपनी औलादों को पढ़ाओं चाहे खुद भूखा रहना पड़े। इससे आगे आने वाली नस्ल में सुधार होगा और वो जागरूक बनेगी। जमीयत उलेमा हिंद के मेरठ अध्यक्ष काजी जैनुस्साजिददीन ने कहा कि यह पत्र हर जागरूक मुस्लिम के लिए है। वे अपने बच्चों को तालीम जरूर दिलवाएं। तभी कौम का भला हो सकता है।