scriptUP Assembly elections 2022 : ‘मुस्लिमों को पिछड़ा बनाने के लिए सरकारें दोषी, बच्चों को हासिल करवाओं तालीम’ | Jamiat Ulema Hind President said Muslims are backward due to education | Patrika News

UP Assembly elections 2022 : ‘मुस्लिमों को पिछड़ा बनाने के लिए सरकारें दोषी, बच्चों को हासिल करवाओं तालीम’

locationमेरठPublished: Jan 25, 2022 06:56:59 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

UP Assembly elections 2022 मुस्लिमों की तालीम का मुददा एक फिर से जमीयत उलेमा हिंद के सदर मौलाना महमूद मदनी ने उठा दिया है। उन्होंने इस संबंध में पश्चिमी उप्र के जिलों में जमीयत उलमा से जुड़े सभी जिलाध्यक्षों को एक पत्र भेजकर इसका जिक्र किया है। उन्होंने मुस्लिमों के पिछड़ेपन के लिए पूर्व की सरकारों को दोषी करार दिया है। उनके इस पत्र की चर्चा अब मुसलमानों के बीच हो रही है।

UP Assembly elections 2022  : 'मुस्लिमों को पिछड़ा बनाने के लिए सरकारें दोषी, बच्चों को हासिल करवाओं तालीम'

UP Assembly elections 2022 : ‘मुस्लिमों को पिछड़ा बनाने के लिए सरकारें दोषी, बच्चों को हासिल करवाओं तालीम’

UP Assembly elections 2022 मुस्लिमों को पिछड़ा बनाने के लिए सरकारें दोषी हैं। सरकारें और राजनैतिक दल नहीं चाहते कि मुसलमान पढ़े और तालीम हासिल करें। अपने बच्चों को तालीम हासिल करवाओं इसके लिए चाहे खुद भूखा रहने पड़े। मुसलमानों के पिछड़ेपन का मुददा जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने उठाया है। इस समय चुनाव का समय है और सभी दलों को मुसलमानों के वोट भी चाहिए। खासकर सपा रालोद के गठबंधन और बसपा के अलावा अन्य दल मुसलमानों को रिझाने में लगे हैं। इससे मौलाना महमूद मदनी काफी खफा हैं। उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि अपनी वोट को पहचाने और ऐसे प्रत्याशी को वोट दें जो कि उनके पिछड़ेपन को दूर कर सकता हो।
मौलाना मदनी का कहना है कि देश में इस समय वैचारिक और धार्मिक जंग का माहौल चल रहा है। वैचारिक जंग तभी जीती जा सकती है जबकि इसके लिए तालीम जैसा हथियार अपने पास हो। उन्होंने काफी दुखी होकर यह स्वीकार किया है कि देश का मुसलमान इस समय तालीम के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। मुसलमानों को तालीम में पिछड़ने में देश की राजनैतिक शक्तियों का बहुत बड़ा हाथ बताया। मदनी ने चुनाव में वोट करने को लेकर एक अपील भी मुस्लिम मतदाताओं से की है। जिसमें सच्चर कमेटी का हवाला देते हुए कहा कि इस कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार देश में मुस्लिमों की स्थिति दलितों से भी बदतर है।
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बता दें कि मौलाना मदनी ने मुस्लिमों के पिछड़ेपन का मुददा ऐसे समय में उठाया है। जिस समय प्रदेश में चुनावी माहौल है। उनके इस मुददे को उठाने को सियासी हलकों में किसी बड़ी राजनैतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है। मौलाना मदनी ने कहा कि इस देश की राजनैतिक इच्छा शक्ति नहीं चाहती कि मुसलमान पढ़लिखकर आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि अगर तुम पढ़ लिख जाओगे तो अपना हक मांगना शुरू कर दोगो। कोई भी सरकार या दल यह कभी नहीं चाहेगा कि मुसलमान को उसका हक मिल सके। इसी कारण से मुसलमानों को अनपढ बनाने की साजिश रची जा रही है। जिससे कि वो राजनैतिक दलों का मोहरा बना रहे। मदनी ने अपनी अपील में मुसलमानों से कहा है कि अब भी समय है अपनी औलादों को पढ़ाओं चाहे खुद भूखा रहना पड़े। इससे आगे आने वाली नस्ल में सुधार होगा और वो जागरूक बनेगी। जमीयत उलेमा हिंद के मेरठ अध्यक्ष काजी जैनुस्साजिददीन ने कहा कि यह पत्र हर जागरूक मुस्लिम के लिए है। वे अपने बच्चों को तालीम जरूर दिलवाएं। तभी कौम का भला हो सकता है।
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