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कभी होम्योपैथिक क्लीनिक चलाते थे संजय निषाद, इस एक घटना से चर्चा में आया था नाम, योगी सरकार 2 में मिल सकता है यह पद

माना जा रहा है कि बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के संजय निषाद को एक मंत्री पद दिया जा सकता है। संजय निषाद शुरू से ही निषाद समुदाय के लिए काम करते आए हैं। सबसे ज्यादा वह चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने आदित्यनाथ की सीट पर बीजेपी को हराने के लिए काम किया था।

Mar 25, 2022 / 03:22 pm

Karishma Lalwani

Know About Sanjay Nishad Political Profile

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड बहुमत के साथ दमदार वापसी हुई है। पार्टी ने 403 में से 255 सीटें जीती हैं जबकि उसकी सहयोगी दल को मिलाकर 273 सीटें हैं। सभी की नजरें योगी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह पर है जो कि शुक्रवार 25 मार्च को शाम 4 बजे है। किसे कौन सा मंत्री पद मिलेगा इसके लिए बस कुछ ही घंटों का इंतजार करना शेष है। माना जा रहा है कि बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के संजय निषाद को एक मंत्री पद दिया जा सकता है। संजय निषाद शुरू से ही निषाद समुदाय के लिए काम करते आए हैं। सबसे ज्यादा वह चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने आदित्यनाथ की सीट पर बीजेपी को हराने के लिए काम किया था। आइये जानते हैं क्या है संजय निषाद का राजनीतिक करियर और प्रोफाइल।
राजनीति से पहले क्लिक चलाते थे संजय निषाद

राजनीति में आने से पहले संजय निषाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लीनिक चलाते थे। 2002 में उन्होंने पूर्वांचल मेडिकल इलेक्ट्रो होम्योपैथी एसोसिएशन बनाया। वह इस विधि को मान्यता दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गए थे। अगर राजनीति की बात करें तो वह यहां पिछले दो दशक से काबिज हैं। वह 2008 में बामसेफ से जुड़े। संजय कैम्पियरगंज से पहली बार विधानसभा चुनाव भी लड़े मगर हार गए। इसके बाद ही उनके राजनीतिक करियर की भी शुरूआत हुई। 2008 में उन्होंने ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनोरिटी वेल्फेयर मिशन और शक्ति मुक्ति महासंग्राम नाम के दो संगठन बनाए। निषाद पार्टी के गठन से पहले उन्होंने निषाद एकता परिषद बनाई और यहीं से मछुआ समुदाय को एक पहचान देने का काम शुरू कर दिया। उन्होंने मछुआ समुदाय की 553 जातियों को एक मंच पर लाने की मुहिम शुरू की।
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एक घटना से चर्चा में आए संजय निषाद

संजय निषाद ने 7 जून, 2015 को गोरखपुर के सहजनवा में कसरावल गांव के पास निषादों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था। इस प्रदर्शन में पुलिस फायरिंग हुई थी और अखिलेश निषाद नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई। इस घटना के बाद वहां जमकर बवाल हुआ। उग्र प्रदर्शन हुआ था। इसमें संजय निषाद सहित तीन दर्जन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। हालांकि, इसी घटना के बाद से उनका नाम चर्चा में आया था। इसके बाद संजय निषाद ने अपनी निषाद पार्टी बनाई और जुलाई 2016 में गोरखपुर में शक्ति प्रदर्शन किया।
2017 के विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी के साथ गठबंधन

2017 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने पीस पार्टी के साथ गठबंधन किया। 72 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद भी केवल एक सीट ज्ञानपुर मिली। संजय निषाद भी खुद गोरखपुर सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें बस 34,869 वोट मिले और अंतत: वह परिणाम हार गए।

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