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कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए आरपीएन सिंह कौन हैं जानिए ?

locationलखनऊPublished: Jan 25, 2022 05:43:49 pm

Know who is RPN Singh यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के पहले चरण के लिए 24 जनवरी को कांग्रेस पार्टी ने अपने 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की। जिसमें आरपीएन सिंह का नाम भी शामिल था। कांग्रेस की 32 साल की सेवा के बाद आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर आरपीएन सिंह ने कहाकि, अब यह पार्टी वो पार्टी नहीं रह गई है।

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए आरपीएन सिंह कौन हैं जानिए ?

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए आरपीएन सिंह कौन हैं जानिए ?

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण के लिए 24 जनवरी को कांग्रेस पार्टी ने अपने 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की। जिसमें आरपीएन सिंह का नाम भी शामिल था। कांग्रेस की 32 साल की सेवा के बाद आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर आरपीएन सिंह ने कहाकि, अब यह पार्टी वो पार्टी नहीं रह गई है। आरपीएन सिंह पिछड़ी जाति सैंथवार-कुर्मी से आते हैं। पूर्वांचल में सैंथवार जाति के लोगों की तादाद अच्छी खासी है। ऐसी अटकलें हैं कि आरपीएन सिंह को बीजेपी कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव लड़वा सकती है।
राजा साहेब सीपीएन सिंह के बेटे हैं आरपीएन सिंह

आरपीएन सिंह का जन्म 25 अप्रैल 1964 को हुआ था। आरपीएन सिंह का पूरा नाम रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है। कुशीनगर जिले के पडरौना से ताल्लुक रखने वाले आरपीएन सिंह ओबीसी समुदाय से हैं। पडरौना में लोग इन्हें ‘राजा साहेब’ कहकर भी पुकारते हैं। आरपीएन सिंह के पिता का नाम सीपीएन सिंह था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार में मंत्री थे जबकि इनकी मां का नाम मोहिनी देवी था।
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आरपीएन सिंह की शादी किससे हुई जानें

आरपीएन सिंह की शादी सोनिया सिंह से 7 दिसंबर 2002 को हुई थी। इन दोनों की 3 बेटियां हैं। आरपीएन की शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से हुई थी। सीपीएन सिंह की हत्या के बाद आरपीएन सिंह राजनीति में आए।
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आरपीएन सिंह का राजनीतिक इतिहास जानें ?

आरपीएन साल 1996, 2002 और 2007 में लगातार तीन बार पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं।
साल 1997 से 1999 तक वह उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।
इसके बाद साल 2003 से 2006 तक आरपीएन सिंह एआईसीसी के सचिव रहे।
चुनाव 2009 में आरपीएन पहली बार सांसद बने थे। तत्कालीन बीएसपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को हराया था।
30 मई 2009 से 18 जनवरी 2011 तक आरपीएन यूपीए सरकार में सड़क, परिवहन, राजमार्ग मामलों के राज्यमंत्री रहे।
– 18 जनवरी 2011 से 28 अक्टूबर 2012 तक वह पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री रहे।
बाद में 28 अक्टूबर 2012 को वह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नियुक्त हुए।
आरपीएन सिंह 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।
आरपीएन सिंह कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
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यह काम ‘कायर’ नहीं कर सकते : कांग्रेस

कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह के इस्तीफे के बाद मंगलवार को उन पर निशाना साधते हुए कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि वर्तमान में जो लड़ाई वो लड़ रही है, उसे लड़ने के लिए साहस होना चाहिए और यह काम ‘कायर’ नहीं कर सकते। यह सच और सिद्धांतों की लड़ाई है, यह एजेंसियों के खिलाफ लड़ाई है।

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