कांग्रेस को थी मिर्जापुर में राजनीतिक चेहरे की तलाश बता दें कि सुनील शास्त्री भाजपा के साथ रहे हैं, लेकिन उनकी ये मुलाकात कांग्रेस में शामिल होने के झुकाव को इंगित करती है क्योंकि कांग्रेस ललितेश पति त्रिपाठी के बाहर होने के बाद मिर्जापुर विधानसभा क्षेत्र में एक राजनीतिक चेहरे की तलाश है। मिर्जापुर की सीट के लिए कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कमला पति त्रिपाठी के बेटे ललितेश पति त्रिपाठी पर भरोसा कर रही थी, जो 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
यूपी सरकार में रह चुके हैं कैबिनेट मंत्री सुनील शास्त्री पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे हैं। सुनील राजनेता होने के साथ ही लेखक और कवि भी हैं। राजनीति में आने से पहले वो बैंक में नौकरी करते थे, लेकिन नौकरी छोड़ कर वे 1980 में राजनीति में अपना कदम रखें। सुनील शास्त्री उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। केंद्र में अटल बिहारी की सरकार बनीं तो सुनील कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए, हालांकि बीजेपी में अटल बिहारी का हस्तक्षेप कम होने के बाद वो इस्तीफा देकर वापस कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि वहां उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई।
बीजेपी में कई अहम पदों का कर चुके हैं निर्वहन नरेंद्र मोदी को बीजेपी ने जब प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया तो सुनील शास्त्री एक बार फिर बीजेपी में शामिल हो गए थे। बता दें कि जब पीएम मोदी बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव थे तक सुनील शास्त्री भी उनके साथ ही थे। सुनील शास्त्री बीजेपी में राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, महासचिव और पार्टी प्रवक्ता जैसे अहम पदों का निर्वहन कर चुके हैं।