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Manipur Assembly Elections 2022: कांग्रेस के लिए पूर्वोत्तर में अस्तित्व की लड़ाई, भाजपा अकेली मैदान में

Published: Mar 05, 2022 07:10:32 am

Submitted by:

Mahima Pandey

मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में होने वाला चुनाव बहुकोणीय बन गया है, जिसमें सहयोगी दल आपस में लड़ रहे हैं। चुनाव दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च को होंगे जबकि 10 मार्च को नतीजे आएंगे।

Manipur elections 2022: Congress fight for survival, Bjp will go alone

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मणिपुर विधानसभा चुनावों के लिए 28 फरवरी को पहले चरण में मतदान होने हैं। इसके लिए सभी पार्टियां जोरों-शोरों से तैयारियां कर रही हैं। भाजपा इस बार अकेले हु मैदान में उतरी है जबकि मणिपुर में विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए करो या मरों की स्थिति है। ये चुनाव न केवल राज्य में पार्टी के अस्तित्व को निर्धारित करेंगे, बल्कि कांग्रेस के लिए पूर्वोत्तर में पुनरुद्धार का अवसर भी साबित हो सकते हैं। पूर्वोत्तर कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन पिछले 5 सालों में भाजपा ने यहाँ अपनी पकड़ मजबूत कर कांग्रेस को बाहर कर दिया।
कांग्रेस ने बनाया गठबंधन

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में पार्टी के प्रचार अभियान को गति देने के लिए इंफाल का दौरा किया था। यह पहला अवसर है जब पार्टी मणिपुर की सभी 60 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रही है। इस बार राज्य में कांग्रेस ने एक महागठबंधन बनाया है, जिसे मणिपुर प्रगतिशील धर्मनिरपेक्ष गठबंधन कहा जा रहा है। इस महागठबंधन में वामपंथी सहित 6 राजनीतिक दल शामिल हैं। गठबंधन में कांग्रेस, भाकपा, सीपीएम, RSP, फॉरवर्ड ब्लॉक और जनता दल सेक्युलर शामिल हैं।
पहले था कांग्रेस का शासन

गौर करें तो 2016 के मार्च माह तक, पांच पूर्वोत्तर राज्यों – असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारें थीं। दो साल बाद, केवल मिजोरम तक ही कांग्रेस सिमट कर रह गई थी। मिजोरम में कांग्रेस पिछले कई सालों से सत्ता में रही। दूसरी ओर, भाजपा राज्य में कभी भी एक सीट तक नहीं जीत पाती थी। वर्ष 2017 में स्थिति पलटी और भाजपा ने 10 सालों से सत्ता पर काबिज कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया। कांग्रेस यहाँ 60 मे से 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और भाजपा को केवल 21 सीटें ही मिलीं। हालांकि, भाजपा ने नेशनल पीपल्स पार्टी (4), नगा पीपल्स फ्रंट (4), लोजपा (1) और दो अन्य के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी। यही नहीं, बीते वर्ष कांग्रेस के 13 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था।

बता दें कि मणिपुर विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने हैं और 10 मार्च को इसके नतीजे आएंगे। वर्तमान में कांग्रेस के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अपनी पार्टी को मजबूत कर एक मजबूत नेतृत्व को बढ़ावा देने की है ताकि सेकंड लीडरशिप तैयार हो सके। वर्तमान में 73 वर्षीय ओकरम इबोबी सिंह अभी भी मणिपुर में कांग्रेस का चेहरा हैं। इस बार के चुनाव शायद इबोबी सिंह के लिए भी आखिरी है।

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