scriptUP Assembly Elections 2022 : मायावती की बीजेपी कोे कड़ी नसीहत, बड़बोले नेताओं के बयानों पर लगाएं अंकुश | Mayawati's strong advice to BJP, curb the statements of bigoted leader | Patrika News

UP Assembly Elections 2022 : मायावती की बीजेपी कोे कड़ी नसीहत, बड़बोले नेताओं के बयानों पर लगाएं अंकुश

locationलखनऊPublished: Nov 22, 2021 01:08:12 pm

Submitted by:

Amit Tiwari

UP Assembly Elections 2022 : मायावती ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि पीएम मोदी ने लगभग एक वर्ष से आंदोलित किसानों की तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग स्वीकारने के साथ ही कुछ अन्य जायज मांगों का भी सामयिक समाधान जरूरी है। जिससे कि वे संतुष्ट होकर अपने-अपने घरों में वापस लौटकर अपने कामों में पूरी तरह से फिर जुट सके।

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लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को एक ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी को कड़ी नसीहत दी है। मायावती ने सोमवार को एक ट्वीट कर पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों की तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने सहित अन्य उचित मांगों को जल्द पूरी करने की अपील की है। इसके साथ ही बसपा अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी के बड़बोले नेताओं के कथित भड़काऊ बयानबाजी पर भी लगाम लगाने की मांग की है।
माहौल खराब कर रहे बीजेपी के बड़बोले नेता

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि केंद्र सरकार की कृषि कानूनों की घोषणा के प्रति किसानों में विश्वास जगाने के लिए भाजपा के बड़बोले नेताओं की बयानबाजी पर अंकुश लगाना जरूरी है। मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद भी ऐसे नेता संदेह पैदा करके माहौल को खराब कर रहे हैं।
साक्षी महाराज ने कहा था बनते-बिगड़ते रहते है बिल

बता दें कि उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि विधेयक तो बनते-बिगड़ते रहे है, फिर वापस आ जाएंगे, दोबारा बन जाएंगे, कोई देर नहीं लगती। साक्षी महाराज ने कहा था कि मैं पीएम मोदी धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने अपना बड़ा दिल दिखाते हुए विधेयक के बजाय राष्ट्र को चुना। साक्षी महाराज ने कहा था कि जिन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद और खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे, उन्हें करारा जवाब मिला है।
किसानों की अन्य जायज मांग भी हो पूरी- मायावती

मायावती ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि पीएम मोदी ने लगभग एक वर्ष से आंदोलित किसानों की तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग स्वीकारने के साथ ही कुछ अन्य जायज मांगों का भी सामयिक समाधान जरूरी है। जिससे कि वे संतुष्ट होकर अपने-अपने घरों में वापस लौटकर अपने कामों में पूरी तरह से फिर जुट सके।
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