यहां पर ढोल, नगाड़े और जयकारे के साथ चुनाव प्रचार के लिए निकले अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन के कार्यकर्ता दिखाई दे रहे हैं। अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं ने जयललिता, इके पलनीस्वामी और पनीरसेल्वम की तस्वीरों का बैज लगा रखा है तो भाजपा कार्यकर्ताओं के बैज में किसी नेता की तस्वीर नहीं है। बैज में केवल चुनाव चिन्ह है। झंडे दोनों पार्टियों के हैं।
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Tamil Nadu Assembly Elections 2021 CM पलनीस्वामी का दिलचस्प बयान, बोले- AIADMK के प्रत्याशी ISI सर्टिफाइड’, DMK वाले डुप्लीकेट इस बीच शोर थमती है और दल के नेता वेंकटेश प्रकाश, राजेश, वट्टल के.मुरुगन कहते हैं, ‘पिछले चुनाव में अन्नाद्रमुक को 59 हजार मत मिले थे। भाजपा को 33 हजार। दोनों मिलाकर गठबंधन की जीत आसान होगी।’
गठबंधन नेताओं का दावा जितना सरल है, यहां चुनावी लड़ाई उतनी ही कठिन, उलझी हुई है। तमिलनाडु की सियासत का एक प्रमुख चेहरा और मक्कल निदि मय्यम प्रमुख कमल हासन के उतरने से यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। इस हाइप्रोफाइल सीट पर पूरे देश की नजर है। अन्नाद्रमुक गठबंधन से भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वाणति श्रीनिवासन और डीएमके गठबंधन से कांग्रेस उम्मीदवार मयूरा जयकुमार मैदान में हैं।
कोयम्बटूर की अधिकांश वाणिज्यिक गतिविधियों का केंद्र, रेलवे स्टेशन, सरकारी कार्यालय, अदालत और बड़े बाजार इसीके जद में है। अल्पसंख्यक मतदाताओं की तादाद भी अच्छी (लगगभग 25 फीसदी)है और सीएए-एनआरसी को लेकर यहां काफी विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।
गठबंधन के तहत अन्नाद्रमुक ने अपनी सीट भाजपा को दी है जिससे कुछ स्थानीय नेता नाराज हैं और कमल हासन की नजर उनपर है। पिछले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को मिले 23 हजार से अधिक मतों के अलावा अन्नाद्रमुक समर्थक अल्पसंख्यक मतदाताओं से भी उन्हें बड़ी उम्मीदें हैं। कमल हासन को सुपरस्टार छवि और फैन क्लब का फायदा भी मिल सकता है लेकिन, एक नेता के तौर पर उनकी स्वीकार्यता अभी सवालों के घेरे में हैं। चुनावी सभाओं में लोग उनसे डायलॉग बोलने का भी आग्रह कर देते हैं, जिसपर कमल भडक़ जाते हैं। अन्नाद्रमुक यहां हर सभा, बैठक या चुनाव प्रचार में जयललिता ( अम्मा ) के नाम का सहारा ले रही है। जयललिता-एमजीआर अभिनीत फिल्मों के गाने खूब बजाए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ेे : Tamil Nadu Assembly Elections 2021: मिशन तमिलनाडु पर कांगेस, विधानसभा चुनाव के लिए 30 उम्मीदवारों की सूची जारी की कोरोना काल में की गई मदद लोग भूल नहीं पाए हैं। बैठकों, चुनावी सभाओं में पार्टी नेता या उम्मीदवार कोरोना में की गई मदद याद दिलाने से नहीं चूकते। अन्नाद्रमुक और द्रमुक गठबंधन को इसका लाभ भी मिल रहा है। हालांकि, मुकाबला कमल हासन और वाणति श्रीनिवासन के बीच होता नजर आ रहा है लेकिन, पिछले चुनावों में दूसरे स्थान पर रहने वाले जयकुमार मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। कोयम्बटूर की 10 विधानसभा सीटों में से 9 सीटें पिछली बार सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के खाते में गई थीं लेकिन, इस बार कांटे की टक्कर है।