उन्होंने सम्पूर्ण विश्व में शांति का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध की प्रतिमा को तिरस्कार पूर्वक हटाते हुए उसे लेने से इनकार करने का काम किया। भगवान राम, कृष्ण और बुद्ध के प्रति वे दिल से कैसा दुर्भाव रखते हैं, यह आज की घटना से स्पष्ट हो गया। भारत की वैश्विक पहचान के प्रतीकों के प्रति इनका दुर्भाव ही इनके आचरण की मूल प्रकृति व फ़ितरत है।
यह भी पढ़ें
डबल इंजन की सरकार भारत की सनातन संस्कृति के स्वर्णकाल की तरह - डा. दिनेश शर्मा
उन्होंने कहा कि तालिबान ने बामियान में भगवान बुद्ध की सबसे बड़ी प्रतिमा को 2001 में ध्वस्त किया था। इनके तमाम नेता एलानिया उसी तालिबान का समर्थन करते हैं। प्रियंका गांधी के वीडियों से स्पष्ट है कि आतंक और आतंकवादी कांग्रेस के लिए “फिजूल” की बात हैं और सपा प्रमुख काग्रेस यादव के लिए आतंकवाद के आरोपियों का समर्थन करना इनके “उसूल” की बात है। इन्हें आतंक के आरोपियों से मोहब्बत है और श्रद्धा के प्रतीकों के लिए हिक़ारत है। यह भी पढ़ें