वे सशुल्क सेवा खरीद रहे हैं, केवल विश्वसनीय ग्राहकों के साथ दांव लगा रहे हैं और अपना रैकेट चलाने के लिए पेशेवरों पर निर्भर हैं। आईएएनएस ने अलग-अलग सट्टेबाजों से उनके बदले हुए तौर-तरीकों और यूपी चुनाव में कौन बादशाह बनकर उभरेगा, इस बारे में जानने के लिए बात की।
उन्होंने बताया कि अभी तक वे भाजपा को चुनाव में मजबूत पार्टी के रूप में देख रहे हैं, समाजवादी पार्टी उनकी दूसरी पसंद है, जिसके लिए वे 130 सीटों का दांव लगा रहे हैं। पहले चरण के चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को अभी तक कोई सीट नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि पहले चरण के चुनाव के बाद रुझान बदल सकता है, लेकिन इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। उनके रुझान के अनुसार भाजपा को पिछले चुनावों की तुलना में कम सीटें मिल रही हैं, लेकिन साथ ही वह एक प्रमुख पार्टी भी बन रही है।
एक सट्टेबाज ने कहा, हम बीजेपी के लिए अभी 1,000 के लिए 1,000 की पेशकश कर रहे हैं। पहले चरण के चुनाव के बाद, यह मौजूदा रुझानों के आधार पर 1,000 से 5,000 या 10,000 में बदल सकता है। हम अपने सेशन के रुझानों के आधार पर बीजेपी को 230 सीटें दे रहे हैं। हमारे पास कांग्रेस के लिए कोई रेट नहीं है। समाजवादी पार्टी की सेशन रेट 130 सीटों के लिए है। उन्होंने कहा कि दूसरे और तीसरे चरण में वे कांग्रेस और आप के लिए रेट खोलेंगे। पहले चरण में उन्होंने इन दोनों पार्टियों को कोई विकल्प नहीं दिया है।
उसने कहा, हर चरण के बाद स्थिति बदलेगी। हम तीसरे चरण के बाद कांग्रेस पर टिप्पणी कर पाएंगे। इस चरण से हमें अंदाजा हो जाएगा कि कांग्रेस को कितनी सीटें मिलने वाली हैं। तीसरे चरण में बसपा की सीटों पर भी फैसला होगा। चौथा चरण हमें स्पष्ट कर देगा कि आप चुनावों को प्रभावित करने जा रही है या नहीं। चुनाव के बाकी चरणों में केवल सट्टेबाजी की कीमत स्विंग (बदलेगी) होगी।
सट्टा बाजार चलाने वालों का कहना है कि भाजपा को 60 से 70 सीटों का नुकसान होगा, लेकिन अभी तक भगवा पार्टी मजबूत उम्मीदवार दिखाई दे रही है। समाजवादी पार्टी 130 से ज्यादा सीटों पर कब्जा कर पाएगी या नहीं, यह चौथे चरण के चुनाव के बाद ही स्पष्ट होगा।