आगामी विधानसभा चुनावों से पहले हापुड़, मेरठ और दिल्ली के कुछ लोग सट्टेबाजी के रैकेट चला रहे है। चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं, उसे लेकर सट्टा बाजार चला रहे हैं। वे अब समय के साथ अपने आपको बदल रहे हैं और तकनीकी और डिजिटल रूप से काफी मजबूत हो गए हैं।
एक सट्टेबाज ने कहा कि वे विभिन्न मोबाइल एप्लिकेशन और सोशल मीडिया पर अपना संचालन कर रहे हैं। वे अपने विश्वसनीय यूजर्स को एक मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए 25,000 रुपये के लिए विशिष्ट यूआरएल प्रदान करते हैं, जिसके माध्यम से उनके ग्राहक दांव लगा सकते हैं। नए यूजर्स को किसी विश्वसनीय यूजर की ओर से विश्वास जताने पर ही सट्टे में शामिल किया जाता है।
यह भी पढ़ें
UP Election 2022: सट्टा बाजार ने चुनाव के शुरूआती रुझानों में भाजपा पर लगाया दांव
सट्टेबाज ने कहा, सट्टा लगाने के लिए, आपको अपने सेलफोन में उस विशिष्ट यूआरएल पर एक एप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा, जो हम अपने ज्ञात ग्राहकों को प्रदान करते हैं। एक बार जब वे इसे डाउनलोड कर लेते हैं, तो हम उन्हें ऐप के वॉलेट में उनके 25,000 रुपये वापस दे देते हैं। वे फिर सट्टा खेलने के लिए उन पैसों का उपयोग कर सकते हैं। बाततीच में एक सट्टेबाज ने खुलासा किया कि ऐप में हम क्रिकेट, फुटबॉल, राजनीति और अन्य चीजों पर दांव लगाते हैं। परिणाम घोषित होने के बाद तुरंत भुगतान किया जाता है, चाहे वह राजनीति हो या क्रिकेट। यूजर अपने बैंक को पैसे भेज सकते हैं, जिसके लिए हम 2 प्रतिशत अतिरिक्त चार्ज करते हैं। सट्टेबाज एप्लिकेशन के नाम भी बदलते रहते हैं।
यह भी पढ़ें
UP Election 2022: बीजेपी से बागी हुए वरिष्ठ नेता एस के शर्मा ने थामा बसपा का दामन
एक सटोरिये ने कहा कि पुलिस को चकमा देने के लिए वे सशुल्क वैन सेवा पर भरोसा करते हैं, जो विदेशों में पेशेवर कंपनियों से खरीदी जाती है, ताकि संवाद करते समय खुद को सुरक्षित रखा जा सके। उसने कहा, वैन के माध्यम से, हम अपना आईपी एड्रेस बदल सकते हैं। यह दिखाएगा कि हम हापुड़ से काम कर रहे हैं, लेकिन हम लखनऊ में होंगे। इस प्रकार हमें समय मिलेगा, अगर पुलिस हमारे स्थानों पर छापेमारी करती है। यह हमारे ग्राहकों को उनकी पहचान छिपाने में भी मदद करता है, जो हमारे व्यवसाय के लिए अच्छा है। हापुड़ में एक पुलिस सूत्र ने बताया कि रक्ष खद्दर और सोनू टेडा पश्चिमी यूपी के मुख्य सट्टेबाज थे, जो हापुड़ से रैकेट चलाते थे, लेकिन अब वे अंडरग्राउंड हो गए हैं। सूत्र ने कहा कि उन्हें पता चला है कि दो सट्टेबाज रवि और गगन काम कर रहे हैं, लेकिन वे पुलिस को चकमा देने के लिए बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे हैं। पुलिस सूत्र ने कहा, हमने देखा है कि वे तकनीकी रूप से मजबूत हो गए हैं.. इसलिए कुछ चीजें हमारे रडार पर नहीं आ रही हैं।