उल्लेखनीय है कि 2017 में स्वार विधानसभा सीट से निर्वाचित अब्दुल्ला आजम फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आरोप के कारण 2019 में विधायकी रद्द करवा चुके हैं। अब्दुल्ला आजम के दो जन्मतिथि प्रमाण पत्र के मामले में आजम खान और तंजीन फातिमा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसके साथ कई अन्य मामलों में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को फरवरी 2020 में जेल भेज दिया गया था। आजम खान जहां अभी भी सलाखों के पीछे हैं। वहीं, तंजीन फातिम और अब्दुल्ला आजम जमानत पर रिहा होकर चुनाव मैदान में हैं। सपा ने एक बार फिर अब्दुल्ला आजम को स्वार से टिकट थमाया है, जिसके बाद फिर से उनके फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला विवादों में आ गया है।
नामांकन फॉर्म में दो डेट ऑफ बर्थ लिखने को लेकर अब्दुल्ला आजम ने कहा है कि सभी उनके नामांकन पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन कोई उनके चुनाव लड़ने की बात नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा विरोधी उनका नामांकन खारिज कराने को लेकर अपनी सियासी रोटी सेक रहे हैं। अब यहां का चुनाव केवल इस मुद्दे पर है कि पर्चा खारिज होते ही वह जीत जाएंगे। इस तरह अब्दुल्ला आजम दो डेट ऑफ बर्थ लिखने को लेकर कोई ठोस कारण नहीं बता सके। वहीं, उनके समर्थकों का कहना है कि निर्वाचन आयोग किसी एक जन्मतिथि को तो उचित मानेगा। अब आगे जो भी हो, लेकिन एक बार फिर विपक्षियों को उन्हें घेरने का बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है।
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UP Elections : BJP और सपा के लिए चुनौती बना पश्चिमी यूपी, मायावती ने उतारे सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी अब बात करने का कोई लाभ नहीं नामांकन में दो जन्मतिथि लिखने को लेकर अब्दुल्ला आजम का कहना है कि अब ये मामला रिटर्निंग अधिकारी के पास है। इसका जिक्र करने से कोई लाभ नहीं है। 29 जनवरी को नामांकन फॉर्मों की स्क्रूटनी की जाएगी, जो भी होगा वह कल सबके सामने आ ही जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरे नामांकन से वह लोग इतने क्यों डरे हैं?