scriptUP Election 2022: पहले चरण में पश्चिमी यूपी की जनता के हाथों में योगी सरकार के नौ मंत्रियों के भाग्य का फैसला | up election Yogi government 9 ministers fate is at stake in 1st phase | Patrika News

UP Election 2022: पहले चरण में पश्चिमी यूपी की जनता के हाथों में योगी सरकार के नौ मंत्रियों के भाग्य का फैसला

locationनोएडाPublished: Jan 27, 2022 02:15:46 pm

Submitted by:

Nitish Pandey

UP Election 2022: पहले चरण में होने वाले मतदान में योगी सरकार ने नौ मंत्रियों के भाग्य पर जनता फैसला करेगी।

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UP Election 2022:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में योगी सरकार के नौ मंत्रियों के भाग्य का फैसला होना है। यह सभी अलग-अलग क्षेत्रों से चुनाव मैदान में हैं। राज्य में 10 फरवरी को चुनाव होना है। इसमें भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने पांच साल तक जनता के बीच क्या किया है। इसकी भी परीक्षा होगी। पहले चरण में सरकार ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा मथुरा शहर सीट से विधायक हैं। इस बार फिर वह चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने 2017 में कांग्रेस के कद्दावर नेता और कई बार के विधायक प्रदीप माथुर को धूल चटाई थी। पिछले चुनाव में श्रीकांत शर्मा को 1 लाख 43 हजार 361 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर इस सीट से तीन बार के विधायक रहे कांग्रेस के प्रदीप माथुर को 42 हजार 200 वोट मिले थे। इस बार उनके कामकाज का लेखा-जोखा पर जनता मुहर लगाएगी। इस हॉट सीट पर सबकी निगाहें है।
गाजियाबाद सीट से योगी कैबिनेट के मंत्री अतुल गर्ग चुनावी मैदान में हैं। गाजियाबाद इस सीट पर पहले चरण में चुनाव होना है। 2017 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार अतुल गर्ग के सामने बसपा से सुरेश बंसल थे। भाजपा के अतुल को 1 लाख 24 हजार 201 वोट मिले थे। बसपा के सुरेश बंसल 53696 वोट ही हो सके थे। अतुल ने अपने प्रतिद्वंद्वी बंसल को 70505 वोट के अंतर से पटखनी दी थी।
यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा शामली जिले के थाना भवन से भाजपा के उम्मीदवार है। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार सुरेश राणा 2012 में पहली बार जीत दर्ज करने में सफल हुए थे। इस चुनाव में उन्होंने रालोद के अशरफ अली खान को मात्र 265 वोटों से शकिस्त दी थी। इसके बाद हुए मुजफ्फरनगर दंगें में वधिायक सुरेश राणा का नाम भी आया था। जिन्हें आरोपी भी बनाया गया था, लेकनि 2017 में हुए चुनाव में उन्हें जनता का समर्थन मलिा और वह बसपा के अब्दुल वारशि खान से 16 हजार से अधकि वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
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पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कल्याण सिंह की विरासत को आगे बढ़ा रहे उनके पौत्र संदीप सिंह ने अतरौली विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है। अलीगढ़ जिले की अतरौली विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और उनके परिवार का दबदबा माना जाता है। 2017 के चुनाव में उन्होंने उन्होंने 50,000 से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी। अब तक इस सीट पर कुल 11 बार कल्याण सिंह और उनके परिवार के सदस्य जीत दर्ज करके विधानसभा पहुंचे हैं।
भाजपा सरकार में डेयरी व पशुपालन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण 1996 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 2007 में चौधरी लक्ष्मीनारायण बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के चौधरी लक्ष्मी नारायण चुनाव जीतकर विधायक बने। वह बसपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं। अलग-अलग पार्टियों से वह चार बार विधायक रह चुके हैं।
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बुलन्दशहर की शिकारपुर विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है। इस सीट पर भाजपा ने पांच बार जीत दर्ज की है। इस सीट से वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल शर्मा बुलंदशहर जिले की शिकारपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में अनिल शर्मा वधिायक निर्वाचित हुए थे और उन्होंने बसपा के मुकुल उपाध्याय को 50 हजार से अधिक वोटों से शिक्सत दी थी।
योगी सरकार में मंत्री कपिलदेव अग्रवाल मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। वर्ष 2017 में वह सपा के गौरव स्वरूप बंसल को 10704 वोटों से हराया था।

योगी कैबिनेट में बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री दिनेश खटीक मेरठ जिले की हस्तिनापुर विधानसभा से मैदान में है। 2017 में पहली बार भाजपा की ओर से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। पहली ही बार में दिनेश खटीक ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर जीत हासिल की। दिनेश खटीक शुरू से ही भाजपा में रहे हैं और संघ के कार्यकर्ता रहे हैं।
भाजपा सरकार में समाज कल्याण राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में आगरा से छावनी सुरक्षित सीट से मंत्री बने थे। डॉ. 2017 के चुनाव में उन्होंने छावनी विधानसभा सीट से 45,000 वोटों से जीत दर्ज की थी। इसी सीट पर वह 2012 में करीब पांच हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गए थे।

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