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UP Elections 2022 : हसनूराम बनाना चाहते हैं 100 बार चुनाव हारने का रिकॉर्ड, 94वीं बार खरीदा नामांकन पत्र

locationआगराPublished: Jan 15, 2022 01:44:57 pm

Submitted by:

lokesh verma

UP Elections 2022 : हसनूराम अंबेडकरी (Hasnuram Ambedkari) ने हारनेे का शतक बनाने के लिए आगरा जिले की खेरागढ़ विधानसभा से पर्चा खरीदा है। बता दें कि हसनूराम अब तक 93 चुनाव हार चुके हैं। यह उनका 94वां चुनाव होगा। इतना ही नहीं हसनूराम राष्ट्रपति पद के लिए भी नामांकन कर चुके हैं। हसनूराम का दावा है कि आज तक चुनाव में उन्होंने एक रूपया भी नहीं खर्चा है।

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UP Elections 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के तहत पहले चरण में 10 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए नामांकन (UP Election Nomination) प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी बीच प्रत्याशियों के बीच खुद को जनहितैषी साबित करने की होड़ लग गई है। हर कोई पूरे दल-बल के साथ जोर आजमाइश करता नजर आ रहा है। लेकिन, इनमें से एक उम्मीदवार ऐसा भी है, जिसे हारने की आदत सी हो गई है या यूं कहें कि वह चुनाव लड़ता ही हारने के लिए है। इस अजब-गजब सोच वाले प्रत्याशी का नाम हसनूराम अंबेडकरी (Hasnuram Ambedkari) है, जिन्होंने हार का शतक बनाने के लिए आगरा जिले की खेरागढ़ विधानसभा से पर्चा खरीदा है। बता दें कि हसनूराम अब तक 93 चुनाव हार चुके हैं। यह उनका 94वां चुनाव होगा। इतना ही नहीं हसनूराम राष्ट्रपति पद के लिए भी नामांकन कर चुके हैं।
दरअसल, आगरा के खेरागढ़ के नगला दूल्हे के रहने वाले 75 वर्षीय हसनूराम पर 100 चुनाव हारने का रिकॉर्ड बनाने का जुनून सवार है। आगरा कलेक्ट्रेट परिसर में पर्चा खरीदने पहुंचे हसनूराम अंबेडकरी ने बताया कि बात 1984 की है, जब वह सरकारी अमीन के पद पर कार्यरत थे। उस दौरान उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए एक पार्टी से टिकट की डिमांड की थी। लेकिन, पार्टी के पदाधिकारियों ने टिकट न देकर उनका मजाक बनाया। उनसे कहा गया कि तुम्हे तो तुम्हारे परिवार के लोग भी वोट नहीं देंगे। हसनूराम ने बताया कि तभी उन्होंने कुछ अलग करने का ठान लिया और निर्दलीय ही चुनाव मैदान में कूछ पड़े। उसके बाद से वह लगातार विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ रहे हैं और अब तक 93 चुनाव लड़ चुके हैं। यह उनका 94वां चुनाव है।
हसनूराम अंबेडकरी ने बताया कि 1985 में ही पहली हार के बाद उन्होंने ठान लिया था कि वह 100 चुनाव हारने का रिकॉर्ड कायम करेंगे। वह कहते हैं कि अब तक उन्होंने किसी भी चुनाव में एक रूपया तक खर्च नहीं किया है और आगे भी कुछ खर्च नहीं करेंगे। हसनूराम ने बताया कि एक बार उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए भी नामांकन पत्र भरा था, लेकिन उनका पर्चा निरस्त कर दिया गया।
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आगरा कलेक्ट्रेट को छावनी में तब्दील

बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन का दौर शुरू हो चुका है। इसके लिए आगरा कलेक्ट्रेट को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। जहां विभिन्न दलों के प्रत्याशी नामांकन पत्र खरीदने के लिए पहुंच रहे हैंं। हालांकि इस बार कोरोना महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए ऑनलाइन पर्चा भरने की भी सुविधा चुनाव आयोग की तरफ से दी गई है।
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