बीजेपी ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी (CM Pushkar Dhami) के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ा और वह पहले राउंड की मतगणना के बाद से ही लगातार वोटों की गिनती में पिछड़ते गए और आखिरकार चुनाव हार गए।
बीजेपी ने उत्तराखंड के 5 साल के कार्यकाल के दौरान तीन मुख्यमंत्री दिए और तीसरे सीएम धामी थे, जिनके चेहरे को चुनाव प्रचार अभियान में पोस्टरों पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ धामी को ही जगह दी गई।
Uttarakhand Assembly Election Result 2022: उत्तराखंड में नहीं चला 'रोटी पलटने का फॉर्मूला', BJP रचेगी इतिहास!
मोदी समेत भाजपा के तमाम नेताओं ने प्रचार के मंचों से धामी को ही अगले सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया। अब वह चुनाव हार गए हैं, तो बीजेपी के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। बड़ी खबर यह भी है कि तीन बार मुख्यमंत्री पद के करीब पहुंचे सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) भी चौबट्टाखाल सीट से हार गए हैं।
अब अगर धामी को ही बीजेपी को सीएम बनाना है तो 6 महीने के अंदर उन्हें किसी सीट से दोबारा लड़ाकर जिताना होगा।
ये हो सकती है बीजेपी की रणनीति
बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक पुष्कर सिंह धामी ‘धाकड़ बल्लेबाज़’ साबित हुए, लेकिन उनका चुनाव हार जाना अब पार्टी के लिए संकट हो गया है। त्रिवेंद्र सिंह का कहना है कि पार्टी की प्रक्रिया है, जिसके तहत सीएम का चयन किया जाता है।
उन्होंने कहा कि विधानमंडल अपना नेता चुनेगा और उसके बाद पार्टी हाईकमान सीएम के नाम पर मुहर लगाएगा।
कांग्रेस के लिए भी मुश्किल
कांग्रेस के चुनाव अभियान (Congress Poll Campaign) के प्रमुख रहे हरीश रावत अपना चुनाव हार चुके हैं। कुमाउं की लालकुआं सीट से इस बार चुनाव मैदान में उतरे हरीश रावत को भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने चुनाव हरा दिया है।
इस बार कांग्रेस के जीतने की स्थिति में सीएम पद पर उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही थी। कांग्रेस मतगणना के रुझानों के मुताबिक इस बार करीब 20 सीटें हासिल करती दिख रही है और ऐसे में हरीश रावत का हार जाना पार्टी के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है।